लखनऊ : यूपी में अब लाइनवूमेन बिजली फाल्ट ठीक करती नजर आएंगी। बेहद मुश्किल और मेहनत भरा यह काम अब तक पुरुषों के लिए ही माना जाता था लेकिन एटा के जलेसर की बृजेश कुमारी बघेल ने इस धारणा को बदल दिया। वह प्रदेश की पहली लाइनवूमेन बनीं जो पुरुष सहकर्मियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर तार, खंभे और ट्रांसफार्मर के फाल्ट ठीक करने का काम बखूबी कर रही हैं। इस तरह उन्होंने किसी पर निर्भर रहने की अपेक्षा अपने छह बच्चों का जिम्मेदारी खुद उठाना बेहतर समझा।
बड़ी जिम्मेदारी तो संभाली मुश्किल डगर
मार्च 2017 में बृजेश के पति राकेश उर्फ रविंद्र कुमार की बिजली दुर्घटना में मौत हो गई। तीन लड़कियों और तीन लड़कों की पूरी जिम्मेदारी आ गई। बृजेश ने हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने बिजली विभाग से मिली मदद के बाद भी काम करने की गुजारिश की। एसडीओ जलेसर पवन वर्मा ने ग्रेजुएट पास बृजेश को आफिस और फील्ड में काम करने का विकल्प दिया तो उन्होंने फील्ड में लाइनवूमेन के तौर पर काम करना स्वीकार किया। तीन महीने से बृजेश काम कर रही हैं। साड़ी पहनकर काम करने में दिक्कतें आईं तो उन्होंने सलवार-सूट पहनकर काम करना शुरू किया। जलेसर के एसडीओ पवन वर्मा कहते हैं कि हमने शुरुआत में उन्हें अन्य लाइनमैन के साथ सहयोगी के तौर पर रखा, अब वह काम सीख गईं हैं। बृजेश की सबसे बड़ी बेटी इंटरमीडिएट में पढ़ती है, अन्य बच्चे भी स्कूल जाते हैं। वह कहती हैं कि बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए ही इतनी मेहनत वाली नौकरी कर रही हैं।
महिलाओं के लिए नया अवसर
प्रदेश में महिलाओं के लिए रोजगार का एक नया रास्ता और खुल गया। जल्द ही यूपी पावर कारपोरेशन अपने अन्य वितरण निगमों में भी महिलाओं को इस तरह काम करने का मौका दे सकता है। अधीक्षण अभियंता शेष बघेल कहते हैं कि आपरेटिंग स्टाफ के तौर पर महिलाओं की तैनाती शून्य है। अब बृजेश की तैनाती से संभव है इस में महिलाएं अधिक आएं।
अहम महिला अफसर :
एमडी यूपी पॉवर कारपोरेशन – अपर्णा यू, आईएएस
निदेशक, विद्युत सुरक्षा निदेशालय – शुभ्रा सक्सेना, आईएएस
निदेशक, केस्को, कानपुर – सौम्या अग्रवाल, आईएएस
मुश्किलें :
पहनावा
काम का समय तय नहीं
बेहद भारी और मुश्किल उपकरणों का उठाना-लगाना