धर्मांधता के विरुद्ध और मानवता के पक्ष में 23वां हिंदी मेला कल  26 दिसंबर से

कोलकाता : 23वां हिंदी मेला नाट्य प्रतियोगिता के साथ 26 दिसंबर से राममोहन हाल, मानिकतला में शुरू हो रहा है। बाकी छह दिनों के सांस्कृतिक कार्यक्रम पास के फेडरेशन हाल में है। सांस्कृतिक पुनर्निर्माण मिशन द्वारा आयोजित यह मेला सात दिवसीय है। इस साल का फोकस धर्मांधता के विरुद्ध आवाज उठाने वाले महान साहित्यकारों राहुल सांकृत्यायन और शिवपूजन सहाय की 125वीं महा जयंती और कवि त्रिलोचन की जन्मशती पर है। इन पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन 31 दिसंबर को ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित कवि केदारनाथ सिंह करेंगे। गौरतलब है कि शिवपूजन सहाय कोलकाता से प्रकाशित ‘मतवाला’ और ‘मारवाड़ी सुधार’ पत्रिकाओं के संपादन से जुड़े हुए थे।

इस बार हिंदी युवा कवि उत्सव में पश्‍चिम बंगाल के विभिन्न जिलों से 50 से अधिक कवि भाग लेंगे, जिसकी अध्यक्षता मानिक बच्छावत करेंगे। 30 दिसंबर को युवा कवि उत्सव अहिंसा और मानवता को समर्पित है।  सात दिनों के हिंदी मेले में काव्य आवृत्ति (27 दिसंबर), चित्रांकन, हिन्दी ज्ञान प्रतियोगिता (28 दिसंबर), काव्य संगीत, लोकगीत, आशु भाषण (29 दिसम्बर), युवा कवि उत्सव, काव्य नृत्य (30 दिसंबर), राष्ट्रीय संगोष्ठी (31 दिसंबर) और संस्कति उत्सव समापन और पुरस्कार वितरण (1 जनवरी) का कार्यक्रम है। मिशन के संयुक्त सचिव डॉ. राजेश मिश्र और प्रो. संजय जायसवाल ने बताया कि हिंदी मेले में 70 से अधिक स्कूल, कॉलेज और विश्‍वविद्यालय के दो हजार से अधिक विद्यार्थी और युवा भाग लेंगे। इस वर्ष ‘युगल किशोर सुकुल पत्रकारिता सम्मान’ वरिष्ठ पत्रकार श्री राधाकृष्ण प्रसाद को दिया जाएगा।

 

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