रीसाइक्लिंग मटेरियल्स से हम न केवल कचरे को कम कर रहे हैं, बल्कि संसाधनों को बचा रहे हैं और पर्यावरण को सुरक्षित भी रख रहे हैं। लेकिन हमारे देश में आज भी 300 मिलियन टन सॉलिड वेस्ट में से करीबन 10% रिसाइकिल किया जाता है और 70% से अधिक लैंडफिल में जाता है। रीसाइक्लिंग की चुनौतियों का समाधान करने के लिए तीन प्रमुख कारकों पर एक साथ ध्यान देने की जरूरत है। कलेक्शन और रीसाइक्लिंग के लिए वेस्ट मैनेजमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार, रीसाइक्लिंग टेक्नोलॉजी और प्रोसेस में इनोवेशन व सर्वश्रेष्ठ प्रणालियां और आखिर में निवेश क्षमता।
टेट्रा पैक स्थानीय और वैश्विक हितधारकों की एक विस्तृत श्रृंखला और ग्राहकों के साथ सक्रिय रूप से सहयोग करता रहा है, ताकि पैकेजिंग कलेक्शन इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार किया जा सके। भारत में Tetra Pak 4 टेट्रा पैक फॉर रिसाइकिलर्स के साथ काम कर रहा है। इनमें परिवार नियंत्रित बिजनेस से लेकर बहुराष्ट्रीय कंपनियां शामिल हैं।
1999 से पार्टनर: 12000 टन कार्टन तक प्रति वर्ष रीसाइक्लिंग संभव
यह एक ज़ीरो वेस्ट प्रक्रिया के माध्यम से कैप्स और स्ट्रॉ सहित इस्तेमाल किए पैक को पैनल बोर्ड में बदलता है। उपयोग: लकड़ी का बेहतर विकल्प – इसकी मदद से आप फर्नीचर, इंडस्ट्रियल पैलेट्स, पैसेंजर व्हीकल की सीटें, सजावटी सामान और बहुत कुछ बना सकते हैं। एक इंटीग्रेटेड रिसाइकिलर, जो दुनिया भर में कुछ में से एक है। 2009 से पार्टनर: 30,000 टन कार्टन तक प्रति वर्ष रीसाइक्लिंग सम्भव है।
यह इको-फ्रेंडली इंडस्ट्रियल पेपर्स और पॉलिमर एल्यूमीनियम पैलेट्स बनाता है
कागज का उपयोग हिंदुस्तान यूनिलीवर, नेस्ले, पार्ले, मैकडॉनल्ड्स और KFC जैसी कंपनियों द्वारा प्राथमिक और माध्यमिक पैकेजिंग के लिए किया जाता है। पॉलिमर पैलेट्स का उपयोग विभिन्न पाइप, पेन, पैलेट्स, छत टाइल, कृत्रिम फूल आदि बनाने के लिए किया जाता है।2016 से पार्टनर: 50,000 टन कार्टन तक प्रति वर्ष रीसाइक्लिंग सम्भव है। आईटीसी टेट्रा पैक के लिए पेपरबोर्ड का एक सप्लायर है। इस पेपरबोर्ड को टेट्रा पैक द्वारा पेय कार्टन्स के लिए पैकेजिंग मटेरियल्स में बदला जाता है, जिसका उपयोग आईटीसी द्वारा अलग- अलग तरह के जूस को पैकेज करने के लिए किया जाता है। इस्तेमाल किए गए पेय कार्टन को कोयम्बटूर में आईटीसी के पेपर मिल में वापस रिसाइकिल किया जाता है।
यह शीट बनाने के लिए पॉलिमर-एल्यूमीनियम कंपाउंड का उपयोग करता है।
प्रयुक्त हुआ– स्वच्छ भारत मिशन के तहत नालीदार छत, बायो-टॉयलेट, भारतीय रेलवे के लिए शौचालय, आंगनवाड़ी स्कूलों के लिए स्कूल फर्नीचर, कम लागत वाले आवास। इनकी रीसाइक्लिंग प्रक्रिया स्वयं एक ज़ीरो वेस्ट प्रक्रिया है। रिसाइकिल के बाद जो मटेरियल मिलता है वो किसी भी बाड़े का तापमान 5-7 डिग्री तक नीचे लाती है। इस्तेमाल किए गए पेय कार्टन को नए उत्पादों में बदलकर टेट्रा पैक और उसके पार्टनर्स बेहतर भविष्य बनाने और सर्कुलर इकोनॉमी को बढ़ावा देने की दिशा में योगदान दे रहे हैं। रिसाइकिल किए हुए उत्पादों को खरीदकर या खरीदने के लिए कहकर आप भी इस बदलाव का हिस्सा बन सकते हैं।
(साभार – दैनिक जागरण)