अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर कलकत्ता विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में छात्रों के द्वारा स्त्री सशक्तिकरण को लेकर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें विभाग के सभी छात्र छात्राओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।कार्यक्रम की अध्यक्षता हिंदी विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोफ़ेसर राजश्री शुक्ला ने किया।अपना अध्यक्षीय वक्तव्य देते हुए उन्होंने कहा कि “आंदोलन करने से कहीं अधिक आवश्यक है कि स्त्री अपनी चेतना जागृत करें ।
स्त्री पुरुष कदम से कदम मिलाकर साथ चलेंगे तभी समाज और राष्ट्र परिपूर्ण बनेगा।आंदोलन हों लेकिन उनकी सार्थकता तभी है जब बदलाव भीतरी हो, चेतना के स्तर पर हो।”इस आयोजन में विश्वविद्यालय की कुलसचिव डॉ. सोमा बंद्योपाध्याय उपस्थित तो नहीं हो सकी किंतु अपना संदेश देते हुए कहा कि “स्त्री अपनी लड़ाई स्वयं लड़े इसलिए उसे और जागरुक होना पड़ेगा और स्त्री जागरुक हो इसलिए उसे शिक्षित होना पड़ेगा ।” इस संदेश के माध्यम से उन्होंने स्त्री शिक्षा पर विशेष बल दिया। इस कार्यक्रम में बंगो बासी कॉलेज के प्रोफ़ेसर आशुतोष कुमार भी उपस्थित थे जिन्होंने इस आयोजन के लिए हिंदी विभाग के छात्रों की प्रशंसा की।उन्होंने कहा कि “आज के छात्र पहले की अपेक्षा ज्यादा आत्मविश्वास से भरे हैं।लड़कियों में यह आत्मविश्वास जितना अधिक होगा उतना वह सार्थक स्वाधीन चेतना की निर्मिति कर पाएँगी।अभी भी हमारे समाज में स्त्री पूर्ण स्वाधीन नहीं है।पुरुष समाज को उसको पर्याप्त जगह देनी की जरूरत है।” इस कार्यक्रम में काव्य पाठ, गीत,नृत्य तथा स्त्री सशक्तिकरण के मुद्दों पर चर्चा भी हुई जिसका सफलतापूर्वक संचालन छात्र राहुल गोंड ने किया।