चंडीगढ़ : करीब ढाई महीने की कशमकश के बाद आखिरकार हरियाणा सरकार ने पहला विश्वकप दिलाने वाले पूर्व क्रिकेटर पद्म विभूषण कपिल देव रामलाल निखंज को ही हरियाणा स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी का कुलपति बना दिया है। यह चर्चा काफी समय से चल रही थी और कपिल देव की ओर से भी इस जिम्मेदारी को निभाने की सहमति आ चुकी थी।
अब इस संदर्भ में मौजूदा नियमों में संशोधन के बाद कपिल देव की नियुक्ति को सरकार ने हरी झंडी दे दी है। अभी तक स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी का कुलपति प्रदेश के राज्यपाल ही होते थे। मगर सरकार ने विधानसभा के मानसून सत्र में 6 अगस्त को संशोधन विधेयक पास कर खेल जगत की एक महान हस्ती को अपनी स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी का कुलपति नियुक्त किया है। प्रदेश के राज्यपाल इस यूनिवर्सिटी के संरक्षक की भूमिका में रहेंगे। सरकार के हरियाणा खेलकूद विश्वविद्यालय विधेयक 2019 को पारित होने के बाद राज्यपाल ने भी इस पर स्वीकृति दे दी थी।
उधर, खेल मंत्री अनिल विज ने भी इस बाबत ट्वीट कर यह जानकारी दी है कि अब कपिल देव सोनीपत के राई स्थित हरियाणा स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी के पहले चांसलर होंगे। उनके ट्वीट पर री-ट्वीट करते हुए लोगों ने सरकार के इस फैसले की सराहना की है। लोगों ने कहा है कि खेल जगत में यह फैसला मील का पत्थर साबित होगा और यह एक अच्छी परंपरा की शुरूआत है कि खेल विश्वविद्यालयों की कमान सफल खिलाड़ियों के हाथों में दी जा रही है। निसंदेह कपिल देव को ये जिम्मेदारी सौंपने के बाद हरियाणा खेल के क्षेत्र में और आगे बढ़ेगा, जबकि खिलाड़ियों के मनोबल में भी वृद्धि होगी। कपिल देव क्रिकेट जगत के एक सफल ऑल राउंडर रहें है। क्रिकेट के सर्वश्रेष्ठ पूर्व खिलाड़ियों में उनकी गिनती होती है। सन 1983 में भारत ने उनकी कप्तानी में ही पहला वर्ल्डकप जीता था। वर्ष 2002 में कपिल देव को ‘सदी के भारतीय क्रिकेटर’ के रूप में चुना गया था। दस माह वे भारतीय क्रिकेट टीम के प्रशिक्षक भी रहे।