इन पेंटिंग को बनाना आसान नहीं, जल पात्र में पानी को स्थिर रखना होता है
इसके बाद पानी पर कोयले और सूखे रंगों की परत बिछाई जाती है,
एक जल सांझी तैयार करने में 6 से 10 घंटे लगते हैं
उदयपुर : राजस्थान के उदयपुर में पानी पर पेटिंग की जाती है। करीब साढ़े तीन सौ साल पुरानी यह पुश्तैनी कला जल सांझी कहलाती है। खासकर, इसे कृष्ण मंदिरों में बनाया जाता है। शहर के जगदीश चौक में स्थित गोवर्धननाथजी के मंदिर में बरसों से जल सांझी बना रहे 60 साल के राजेश वैष्णव बताते हैं कि जल सांझी में कृष्ण लीलाओं का चित्रांकन किया जाता है। इन पेंटिंग्स को बनाना आसान नहीं है। जल पात्र में पानी को स्थिर रखना होता है। जरा सी भी हवा चले तो पूरी मेहनत बर्बाद हो जाती है। जल सांझी तैयार करने से पहले मंदिर के सभी दरवाजे, खिड़कियां बंद हो जाते हैं, परदे लगा दिए जाते हैं। इसके बाद पानी पर कोयले और सूखे रंगों की परत बिछाई जाती है। एक जल सांझी तैयार करने में 6 से 10 घंटे लगते हैं।
(साभार – दैनिक भास्कर)