जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अचानक ही पांच सौ और हज़ार रुपयों के नोटों को बंद करने का ऐलान किया तब केवल काला धन छुपाये रखने वालो में ही नहीं बल्कि आम जनता में भी हफरा-तफरी का माहौल छा गया।
जहाँ पुरे देश ने भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रधानमंत्री की इस कड़ी पहल का स्वागत किया वहीँ कई ऐसे लोग भी थे जिन्हें इस फैसले की वजह से कई मुसीबतों का सामना करना पडा। ऑटो चालक, पेट्रोल पंप तथा छोटी दुकानों पर जहाँ दुकानदारों के 500 और 1000 के नोट लेने से मना कर देने से लोग मुश्किल में पड़ गए वही सोशल मीडिया पर एक ओला कैब ड्राईवर की दरियादिली की कहानी खासी चर्चित रही।
विपिन कुमार नाम के इस ओला कैब ड्राईवर ने अपने हिस्से के पैसे इसलिए छोड़ दिए क्यूंकि उनके ग्राहक के पास केवल 500 के ही नोट थे।
मंगलवार की ही ऐतासिक रात को दिल्ली के एक आर्किटेक्ट विप्लव अरोरा को अपनी ट्रेन पकड़ने स्टेशन तक जाना था। हालांकि उनके बटुए में केवल 500 के ही नोट थे फिर भी उन्होंने ये सोच कर ओला कैब बुलवा ली कि उनके ओला मनी अकाउंट में कुछ पैसे है। पर उन्हें इस बात का अंदेशा नहीं था कि उनका किराया ओला मनी अकाउंट में बचे हुए पैसो से ज्यादा हो जायेगा।
स्टेशन पहुँचकर किराए की रकम सुनते ही विप्लव असमंजस में पड़ गए क्यूंकि उनके पास देने के लिए 500 रूपये के अब बेकार हो चुके नोटों के अलावा कुछ भी नहीं था। पर ऐसे में कैब ड्राईवर विपिन कुमार के जवाब ने उन्हें भावविभोर कर दिया।
कैब ड्राईवर विपिन ने विप्लव से कहा, “सर बाकी के पैसे रहने दीजिये। दो पैसे कम कमा लेंगे, थोड़ी सी तकलीफ होगी और वो तो सबको हो रही है। अब सरकार के फैसले का सम्मान करते हुए, देश की तरक्की में ये हमारा योगदान ही समझ लेंगे। आप बेफिक्र होकर अपनी ट्रेन लीजिये।”
इसके बाद विप्लव ने विपिन कुमार के इस दरियादिली की कहानी ओला के फेसबुक पेज पर साझा की और कुछ घंटो में ही ये पोस्ट वायरल हो गया। ओला ने भी इस बात की जानकारी मिलते ही कैब ड्राईवर विपिन कुमार के बाकी पैसो का भुगतान कर दिया।
विप्लव अरोरा का फेसबुक पोस्ट इस प्रकार था –
इस पुरे पोस्ट का हिंदी अनुवाद पढ़े –
“आज घर से रेलवे स्टेशन जाने के लिए मैंने ओला बुक की। दुर्भाग्यवश उस वक़्त मेरे बटुए में सिर्फ 500 के ही नोट थे और मुझे 500 और 1000 रूपये के नोट रद्द किये जाने के बारे में भी पता था। इसलिए मैंने ओला मनी से किराया देने का फैसला किया।
पर मेरा किराया मेरे ओला मनी में बचे पैसो से थोडा ज्यादा हो गया और अब मुझे बाकी के पैसे ड्राईवर को नगद में ही देना था।
कोई एटीएम भी काम नहीं कर रहा था और ये बात तो तय थी कि ऐसे समय में कोई भी 500 का छुट्टा नहीं देता।
पर ऐसे वक़्त में उस ड्राईवर का जवाब हम सभी के सम्मान का हकदार है और इसीलिए मैं ये पोस्ट लिख रहा हूँ।
उन्होंने कहा, “सर बाकी के पैसे रहने दीजिये। दो पैसे कम कमा लेंगे, थोड़ी सी तकलीफ होगी और वो तो सबको हो रही है। अब सरकार के फैसले का सम्मान करते हुए, देश की तरक्की में ये हमारा योगदान ही समझ लेंगे। आप बेफिक्र होकर अपनी ट्रेन लीजिये।”
कैब ड्राईवर #vipinkumar (विपिन कुमार) को मेरा सलाम। उन्होंने प्रधानमंत्री की कही उस बात को सच कर दिखाया, जिसमे उन्होंने कहा था कि – भारत की आम जनता देश हित में योगदान देने के लिए किसी भी मुश्किल का सामना करने को हमेशा तत्पर होती है। #oladriver #appreciation #respect
(साभार – द बेटर इंडिया)