इन देशों में भी मनाई जाती है जाती है रामनवमी

श्रीराम सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि दुनिया के कई देशों में पूजे जाते हैं। कई देशों में राम के मंदिर हैं और श्रद्धालुओं के बीच उनका नाम बहुत ही आदर से लिया जाता है। सनातन धर्म मानने वाले रामनवमी का उत्‍सव हर साल पूरे उल्‍लास से मनाते हैं। रामनवमी चैत मास में शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है। इस दिन अयोध्या के राजा दशरथ और रानी कौसल्या के पुत्र भगवान राम का जन्म हुआ था ।रामनवमी का त्‍योहार भगवान विष्णु के सातवें अवतार भगवान राम के जन्‍मोत्‍सव के रूप में मनाया जाता है। इस दिन मां दुर्गा के नौ दिनों तक चलने वाले नवरात्र का समापन भी होता है।  आइए जानते हैं किन-किन देशों में रामनवमी का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है –

थाइलैंड – थाइलैंड दक्षिण-पूर्वी एशिया का देश है, जिसकी राजधानी है बैंकॉक। यहां भगवान राम और रामायण का काफी महत्व दिया जाता है। थाइलैंड के राजा को भगवान श्रीराम का वंशज माना जाता है। यहां कई जगहों पर रामलीलाएं होती हैं और लोग राम के भजन गाते हैं। खास बात ये है कि ‘रामायण’ थाइलैंड का राष्ट्रीय ग्रंथ है। भगवान राम के अलावा थाइलैंड में शिव जी, भगवान विष्णु, इंद्र देव, सरस्वती देवी, गणेश जी समेत कई देवी देवताओं के सैकड़ों मंदिर है। यहां तक कि थाइलैंड सरकार का अधिकृत प्रतीक चिह्न ‘गरुड़’ है।

नेपाल – नेपाल के लोग भी भगवान राम को काफी महत्व देते हैं। यहां रामनवमी हिंदू त्योहारों के महत्वपूर्ण पर्व में से एक है। पूरे नेपाल में भगवान राम के कई मंदिर है। खासतौर पर रामनवमी वाले दिन मंदिरों को सजाया जाता है और हजारों लोग यहां पूजा के लिए आते हैं। कुछ इलाकों में भगवान राम की शोभायात्रा भी निकाली जाती है।

श्रीलंका – भगवान राम और सीता के जीवन का काफी भाग श्रीलंका से जुड़ा हुआ है। भगवान राम के जीवन का उद्देश्य ही ऋष‍ि-मुनियों के काम में बाधा डालने वाले राक्षसों और लंका के राजा रावण का अंत करना था। आज भी श्रीलंका में कई जगहों पर राम-सीता, हनुमान, रावण से जुड़ी निशानियां मौजूद हैं। श्रीलंका में हिंदू देवी-देवताओं के सैकड़ों मंदिर हैं. भारत की तरह श्रीलंका में भी पूरी श्रद्धा के साथ इन देवताओं की पूजा की जाती है। इन देशों के अलावा सिंगापुर, मॉरिशस, इंडोनेशिया, भूटान, ऑस्ट्रेलिया, मलेशिया, बांग्लादेश जैसे कई देशों में रहने वाले भारतीय हिंदू समुदाय के लोग भगवान राम को मानते हैं. त्‍योहार के मौके पर मंदिरों में उत्सव का आयोजन होता है।

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