क्रिकेट में गेंद की चमक बरकरार रखने के लिए बरसों से प्राकृतिक तरीके इस्तेमाल किए जाते रहे हैं, लेकिन अब कोरोना महामारी के संक्रमण को रोकने के लिए इतिहास बदलने वाला है। अब गेंद को लार या थूक लगाकर चमकाने पर प्रतिबंध लग सकता, हालांकि पसीने के उपयोग पर कोई आपत्ति नहीं है। कोविड-19 के बढ़ते प्रकोप की वजह से दुनियाभर में क्रिकेट पर विराम लगा हुआ है। अब जब खेल कुछ समय बाद दोबारा शुरू होगा तो उस पर कोरोना प्रभाव देखने को मिलेगा।
कुंबले की अगुवाई वाली कमेटी ने की लार, थूक पर प्रतिबंध की सिफारिश
अनिल कुंबले की अगुवाई वाली आईसीसी क्रिकेट समिति ने सोमवार को कोविड-19 महामारी को देखते हुए गेंद को चमकाने के लिए लार का इस्तेमाल करने पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की। कुंबले की माने तो लाल गेंद पर लार का उपयोग गेंद पर चमक बनाने और उससे स्विंग हासिल करने के लिए किया जाता है, लेकिन इसे अब स्वास्थ्य के लिए जोखिम के तौर पर देखा जा रहा है। हम बेहद विषम दौर से गुजर रहे हैं और समिति ने आज जो सिफारिशें की है वे क्रिकेट का मूल स्वरूप कायम रखते हुए खेल को सुरक्षित तरीके से शुरू करने के लिए अंतरिम उपाय हैं।’
पसीने के इस्तेमाल पर कोई आपत्ति नहीं
अनिल कुंबले की अगुवाई वाली समिति आईसीसी के चिकित्सा सलाहकार समिति के अध्यक्ष डॉक्टर पीटर हारकोर्ट के सामने अपने तर्क रख रहे थे। बैठक की पूरी बात सुनने के बाद डॉक्टर पीटर ने भी माना कि वायरस पसीने के माध्यम से फैलना मुश्किल है, लेकिन गेंद पर लार और थूक लगने से संक्रमण का खतरा बरकरार रहेगा। कोविड-19 लार के माध्यम से फैल सकता है, यही कारण रहा कि सर्वसम्मति से गेंद को चमकाने के लिए लार के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की गई। इसके साथ-साथ खेल के मैदान और इसके आसपास भी सख्ती से स्वच्छता रखने का फैसला लिया गया।
गैर तटस्थ ऑफिशियल की जगह स्थानीय अंपायर्स को मौका
बैठक में जिस अन्य महत्वपूर्ण मसले पर चर्चा हुई वह कुछ समय के लिए द्विपक्षीय श्रृंखलाओं में फिर से गैर तटस्थ अंपायरों को नियुक्त करना है। इस सिफारिशों को मंजूरी के लिए आईसीसी बोर्ड के सामने रखा जाएगा। कुंबले के नेतृत्व वाला पैनल चाहता है कि अंतरराष्ट्रीय मैचों के लिए गैर तटस्थ मैच अधिकारियों की नियुक्ति को अस्थायी रूप से निलंबित किया जाए। यदि देश में कोई एलीट पैनल अधिकारी नहीं होगा, तो स्थानीय इंटरनेशनल पैनल मैच अधिकारियों को नियुक्त किया जाएगा।