मनजोत कालरा (101 रन, 102 गेंद, 8 चौकों और 3 छक्कों) के नाबाद पारी की बदौलत टीम इंडिया ने शनिवार को टौरंगा के बे ओवल स्टेडियम में खेले गए आईसीसी अंडर-19 वर्ल्ड कप के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को 8 विकेट से मात देकर अंडर-19 वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम कर लिया। टीम इंडिया ने चाैथी बार यह खिताब अपने नाम दर्ज किया।
आॅस्ट्रेलिया ने टाॅस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए टीम इंडिया के सामने 217 रन का लक्ष्य रखा। जिसके जवाब में उतरी टीम इंडिया ने 38.5 ओवर में ही मैच जीतकर वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम कर लिया। टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलिया टीम को भारतीय तेज गेंदबाजों के घातक स्पेल का सामना करना पड़ा। इशान पॉरेल (2/30) और कमलेश नागरकोटी (2/41) ने टीम इंडिया को शुरूआती विकेट दिलाए। जिसके बाद अनुकूल रॉय (2/32) और शिवम मावी (46/1) ने मिलकर पारी को 216 पर समेट दिया।
टीम इंडिया के लिए यह लक्ष्य कुछ खास बड़ा नहीं था। टीम इंडिया की तरफ से ओपनिंग करने आए कप्तान शॉ और मनजोत कालरा ने पहले विकेट के लिए 71 रनों की मजबूत साझेदारी बनाई। शॉ ने 41 गेंदों में 4 चौकों की मदद से 29 रन बनाए। इस बीच बारिश की वजह से मैच को रोकना भी पड़ा लेकिन कुछ ही देर में वापस खेल शुरू हो गया। शॉ को विल सदरलैंड ने आउट कर पवेलियन भेज दिया। जिसके बाद बल्लेबाजी करने आए टीम इंडिया के धाकड़ बल्लेबाज शुभमन गिल ने 30 गेंदों में 4 चौकौं की मदद से 31 रन की पारी खेली। गिल को परम उप्पल ने बोल्ड कर दिया।
इससे पहले पहले बल्लेबाजी करने उतरी ऑस्ट्रेलियाई टीम 47.2 ओवर में 216 रन पर ऑलआउट हो गई। पहले बल्लेबाजी करने उतरी ऑस्ट्रेलियाई टीम को शुरुआत में ही तीन झटके लगे। ऑस्ट्रेलिया की तरफ से ओपनिंग करने आए जैक एडवर्ड्स (28) और मैक्स ब्रायंट (14) दोनों ईशांत पोरेल के शिकार हुए। छठे ओवर की पहली ही गेंद पर ईशान पोरेल ने मैक्स ब्रायंट को अभिषेक शर्मा के हाथों कैच कराकर पेवेलियन लौटा दिया। वहीं, ऑस्ट्रेलिया को 9.6 ओवर में दूसरा झटका लगा। इसके बाद 59 रन के स्कोर पर ऑस्ट्रेलिया को कप्तान सांघा के रूप तीसरा झटका लगा। 17.1 ओवरों में कमलेश नागरकोटी ने अपनी पहली गेंद पर ही सांघा को हार्विक देसाई के हाथों कैच आउट कराकर पवेलियन पहुंचाया। उन्होंने 24 गेदों का सामना कर मात्र 13 रन ही बना पाए।
आस्ट्रेलिया की तरफ से मेरलो और परम उप्पल (34) ने चौथे विकेट के लिए 75 रन की साझेदारी की । इसके बाद मेरलो ने नाथन मैकस्वीनी (23) के साथ 49 रन जोड़े। चौथे विकेट के लिए मेलरो और उप्पल के बीच अच्छी साझेदारी होने लगी थी तभी अनूकुल रॉय ने ऑस्ट्रेलिया को चौथा झटका देकर परम उप्पल को अपना शिकार बनाया। 28.5 ओवरों में ऑस्ट्रेलिया को चौथा झटका लगा। परम उप्पल ने 58 गेंदों में तीन चौकों की मदद से 34 रन बनाकर पवेलियन लौटे। विल सदरलैंड (5) को विकेट के पीछे हार्विक देसाई ने शिवा सिंह की गेंद पर लपका। शिवा ने ही 183 के स्कोर पर नाथन मैक्स्वीनी (23) को कॉट एंड बोल्ड किया। सदरलैंड मात्र 5 रन बनाकर आउट हो गए।
वहीं, ऑस्ट्रेलिया को 39.2 ओवरों में पांचवा झटका लगा। शिवा सिंह ने नेथन मैक्स्वीनी को खुद के हाथों कैच कराया। मैक्स्वीनी ने 29 गेंदों में 2 चौकों की मदद से 23 रन बनाए। वहीं, टीम इंडिया के खिलाफ खेले जा रहे वर्ल्ड कप के फाइनल मुकाबले में मेरलो ने शानदार अर्धशतक जमाया। इसके साथ ही मेलरो का यह पहला वन-डे इंटरनेशनल अर्धशतक है। इसके बाद रयान हेडली (1) को आखिरी झटका शिवम मावी ने दिया। विकेट के पीछे हार्विक देसाई ने वह कैच लपका। इसी स्कोर पर बैक्टर होल्ट (13) रन आउट हुए। 214 के स्कोर पर जैक इवांस (1) कमलेश नागरकोटी ने बोल्ड किया।
गौरतलब है की अभी तक मौजूदा टूर्नामेंट में टीम इंडिया ने कोई मैच नहीं गंवाया था। इसलिए फैन्स की टीम इंडिया से उम्मीदें और ज्यादा थी। हालांकि, दोनों टीमें फाइनल को लेकर काफी उत्साहित और आत्मविश्ववास से परिपूर्ण थी। एक तरफ सेमीफाइनल में जहां ऑस्ट्रिलिया ने अफगानिस्तान को 6 विकेट से हराकर फाइनल में जगह बनाई, वहीं दूसरी तरफ टीम इंडिया ने सेमीफाइनल में पाकिस्तान को 203 रन से करारी मात देकर फाइनल में प्रवेश किया था।
फाइनल में सभी की निगाहें टीम इंडिया की मजबूत बल्लेबाजी पर टिकी हुई थीं। फैन्स का कहना था कि कप्तान पृथ्वी और शुभमन गिल के रूप में टीम इंडिया के पास दो शानदार बल्लेबाज हैं जिन्होंने अभी तक अपने बल्ले से सभी को प्रभावित किया है। गिल ने अभी तक इस टूर्नामेंट में 170 की औसत से रन बनाए हैं। गिल ने पाकिस्तान के खिलाफ 94 गेंदों में 102 रनों की पारी खेली थी। वहीं, फैन्स का ये भी मानना था कि गेंदबाजी में टीम इंडिया का दारोमदार शिवम मावी, अनूकुल रॉय, कमलेश नागरकोटी और ईशान पोरेल पर होगा, जो की सच साबित हुआ।
बता दें कि टीम इंडिया और ऑस्ट्रेलिया दोनों की कोशिश अपने चौथे खिताब पर कब्जा जमाने की थी, लेकिन ऑस्ट्रेलिया को निराशा हाथ लगी। मालूम हो कि दोनों टीमें अभी तक इस वर्ल्ड कप को तीन-तीन बार घर ले जा चुकी थी, लेकिन टीम इंडिया ने चौथी बार खिताब पर कब्जा जमाने में सफल रही। ऑस्ट्रेलिया ने 1988, 2002 और 2010 में अंडर-19 वर्ल्ड कप का खिताब जीते थे तो वहीं टीम इंडिया ने 2000, 2008, 2012 में वर्ल्ड कप का खिताब जीते थे लेकिन अब 2018 भी इस खाते में शामिल हो गया। इसी के साथ टीम इंडिया चौथी बार इतिहास रचने ंमें कामयाब रही।