अरुण भारद्वाज देखता हूँ या सोचता हूँ, बैठता हूँ या जागता हूँ। तेरी सूरत सामने
समय बदल रहा है और इस बात तस्दीक करती है यह घटना। जयपुर की एक
अनिमेष जोशी फेसबुक, सरीखा माध्यम बहुत बड़ा वर्चुअल अड्डा है…! जहां हम सब भांति –
माधवी श्री सुबह अगर आँख खुले और दो दशक से ज्यादा हो चुके अपने स्कूल
बस एक साल और पूरे 25 साल हो जाएंगे….हिन्दी मेले को। पहली बार आई तो
सुषमा त्रिपाठी जीवन में आश्वस्ति हो तो संघर्ष आसान हो जाते हैं और पुस्तकालयाध्यक्ष आश्वस्त
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने महत्वपूर्ण खोज की है। एजेंसी ने पहली बार हमारे सौरमंडल
दुनिया के कई देश कृषि के कचरे से बिजली का उत्पादन कर रहे हैं। ऐसे
अक्सर हम सुनते हैं कि किताबों की दुनिया से बच्चे दूर भाग रहे हैं। सोशल
प्रतिद्वंद्वी टीमों को लगातार रौंदने से विराट कोहली की महानता में इस वर्ष तेजी से