नयी दिल्ली : घटना प्रधान राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के 25 वर्षों की कहानी पहली बार एक वृत्तचित्र में बतायी जाएगी। यह वृत्तचित्र लोगों को एक ऐसे संस्थान के बारे में जानकारी देगा जिसने ” लोकतंत्र की निगरानी करने वाली ” संस्था की भूमिका निभायी है। आयोग की रजत जयंती के मौके पर फिल्म डिविजन ने ” एनएचआरसी : 25 ईयर्स , बिलियन होप्स ” शीर्षक से वृत्तचित्र बनाया है और इसे जल्दी प्रदर्शित किया जाएगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि फिल्म में आयोग की 1993 में शुरुआत से लेकर अब तक का विवरण है। इसमें कुछ ऐतिहासिक मामलों का भी जिक्र किया गया है
यह आयोग अभी दक्षिणी दिल्ली में स्थित एक आधुनिक और ऊंची इमारत ‘‘ मानव अधिकार भवन ’’ में काम कर रहा है। आयोग की शुरूआत के बाद से अब तक इसे देश भर से 17.5 लाख से ज्यादा शिकायतें मिली हैं। इनमें सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश से हैं। अधिकारी ने पीटीआई से कहा कि एनएचआरसी के इस वृत्तचित्र में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित और बाल अधिकार कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी , रेमन मैगसेसे पुरस्कार विजेता बेजवाड़ा विल्सन और आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) एचएल दत्तू के साक्षात्कार भी हैं। विल्सन कई दशकों से हाथ से सफाई करने वालों के अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
सूत्रों ने कहा कि फिल्म पर काम पिछले अक्तूबर से शुरू हुआ था। वृत्तचित्र में ‘ लाइव ’ मामलों का भी जिक्र किया गया है कि जब कोई व्यक्ति या श्रमिकों का समूह या कोई एनजीओ शिकायत दर्ज करने के लिए पहली बार आयेाग से संपर्क करता है , और आयोग द्वारा मामले कैसे पंजीकृत होते हैं। फिल्म में पश्चिम बंगाल में नंदीग्राम हिंसा , छत्तीसगढ़ में सलवा जुडूम से संबंधित घटनाएं का भी जिक्र किया गया है , जब आयोग ने हस्तक्षेप किया था। आयोग मीडिया रिपोर्टों के आधार पर मामलों में स्वत : संज्ञान लेता है या पीड़ित या उसकी ओर से किसी अन्य व्यक्ति द्वारा दायर शिकायत या पुलिस विभाग से प्राप्त रिपोर्ट पर संज्ञान लेता है।