नयी दिल्ली : इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के बाद अब सरकारी स्वामित्व वाली तेल कंपनी हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटिड (HPMC) ने भी मुंबई में डीजल की होम डिलिवरी सर्विस शुरू कर दी है। कंपनी अब इस सेवा का और भी शहरों में विस्तार करने की योजना बना रही है। डीजल की होम डिलिवरी के लिए कुछ दिनों पहले बेंगलुरु बेस्ड एक स्टार्टअप ने भी सर्विस शुरू की थी, लेकिन सुरक्षा कारणों से बाद में अथॉरिटी की ओर से उसे तेल देने पर प्रतिबंध लगा दिया था।
हिंदुस्तान पेट्रोलियम ने एक बयान जारी कर कहा कि ‘एचपी फ्यूल कनेक्ट’ सर्विस अपने चुनिंदा ग्राहकों को डीजल मुहैया कराएगी। उन ग्राहकों के पास जरूरी मशीनरी और सुरक्षा के बंदोबस्त होने जरूरी हैं। हाल ही में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ने भी पुणे में ऐसी ही सर्विस शुरू की थी। होम डिलिवरी के लिए ग्राहकों के पास फ्यूल डिस्पेंसर होना जरूरी है। यह तेल एक मध्यम आकार के टैंकनुमा ट्रक द्वारा डिलिवर किया जाएगा।
तेल और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पिछले साल इस सर्विस के बारे में सूचना दी थी और अब इंडियन ऑयल के बाद हिंदुस्तान पेट्रोलियम ने इसे शुरू भी कर दिया है। जून 2017 में बेंगलुरु बेस्ड स्टार्टअप एएनबी फ्यूल्स ने ऐसे ही पेट्रोल और डीजल को माईपेट्रोलपंप ब्रैंड के तहत होम डिलिवर करने की सर्विस शुरू की थी। लेकिन पेट्रोलियम तथा एक्सप्लोसिव सुरक्षा संगठन (PESO) ने एक सर्कुलर जारी कर तेल कंपनियों को एएनबी को तेल सप्लाई करने पर रोक लगाने के आदेश दिए थे। PESO का कहना था कि ऐसा करना सुरक्षा के लिहाज से सही नहीं है।
HPCL ने कहा कि शुरू में उसके टार्गेट पर कमर्शियल शॉप, शॉपिंग मॉल्स और स्कूल जैसे संस्थान हैं, जहां बिजली के लिए जेनरेटर चलाने की जरूरत होती है। बयान में कहा गया, ‘इस सुविधा से उन लोगों को लाभ होगा जो पेट्रोल पंप पर तेल लाने के लिए जाते थे। इससे समय के साथ साथ तेल को लाने में लगने वाली अतिरिक्त लागत में कमी आएगी। इससे तेल भी बर्बाद होने से बचेगा और किसी प्रकार की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा।’ हालांकि PESO ने इन तेल कंपनियों को भी सिर्फ प्रायोगिक तौर पर ही इस सर्विस को शुरू करने की अनुमति दी है।
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में अभी 61,983 पेट्रोल पंप हैं, जिनमें से 90 फीसदी पंप सरकारी कंपनियों के हैं। बाकी रिलायंस और एस्सार जैसी प्राइवेट कंपनियां भी पेट्रोल पंप चलाती हैं। भारत में 2016-17 में डीजल की खपत 76 मिलियन टन थी वहीं पेट्रोल की खपत 23.8 मिलियन टन थी। एक्सपर्ट्स का मानना है कि तेल की होम डिलिवरी से तेल की कालाबाजारी पर भी अंकुश लगेगा और ग्राहकों को शुद्ध तेल मिल सकेगा।