दिवाली पर रखें सुरक्षा का ख्याल

दिवाली की ढेरों तैयारियाँ होती हैं। यहॉ तैयारी का मतलब सिर्फ अच्‍छे कपड़ों, मिठाइयॉ और पटाखों से ही नहीं है बल्कि सही तैयारी का मतलब है दीवाली में सुरक्षा व सावधानी बरतने की। दिवाली पर आपने खूब पटाखे छोड़ने की योजना बना रखी होगी लेकिन बेहतर यही होगा कि आप जोश में होश बिल्कुल न खोएं। बम-पटाखे जलाते वक्त कुछ सावधानियां बरतनी बहुत जरूरी हैं। दीवाली पर आप थोड़ी सी सावधानी खुशियों को बरकरार रखा जा सकता है –

  1. पटाखे हमेशा खुली जगह पर ही छोड़े और ध्यान रखें कि आस पास पेट्रोल, डीजल, केरोसिन या गैस सिलिंडर जैसे ज्वलनशील पदार्थ न रखे हों। और याद रखें कि पानी से भरी एक बाल्टी पास हो।
  2. बाजार में कम कीमत और नकली पटाखों की कोई कमीं नहीं है इसलिए हमेशा अच्‍छे ब्रांड वाले पटाखे ही खरीदें।
  3. कम उर्म के बच्‍चों को पटाखे दिलाते वक्‍त उनकी उम्र का खास ख्‍याल रखें। उनको ऐसे पटाखे बिल्‍कुल ना दिलाएं जो उनके उम्र के अनुकूल ना हों। पटाखे छुड़ाते समय बच्चों के साथ रहें और उन्हें पटाखे जलाने का सुरक्षित तरीका बताएं।
  4. हमेशा पटाखों को लंबी लकड़ी या मोमबत्ती के इस्‍तेमाल से जलाएं। माचिस का प्रयोग तो बिल्‍कुल भी ना करें और हो सके तो उन्‍हें थोड़ी दूरी पर रखकर ही जलाएं। पटाखों को दूर से जलाएं, चेहरा बचाकर आग लगाएं।
  5. कई लोग एक साथ दो-तीन पटाखे एक साथ जलाते हैं ऐसी स्थिति में आपका ध्‍यान बंट सकता है इसलिए हमेशा एक बार में एक ही पटाखा जलाएं।
  6. अगर कोई पटाखा आग लगाने के बावजूद भी ना दगे तो उसको दोबारा जलाने की कोशिश न करें। उसे हाथ से न उठाएं और बेहतर होगा कि उसे पानी डाल कर बुझा दें।
  7. दीयों को जलाते वक्त और पटाखे छोड़ते समय नायलॉन और सिंथेटिक कपड़ों के बजाय सूती कपड़े पहनें। पटाखे छोड़ते वक्त जूते जरूर पहनें।
  8. जल जाने पर क्या करें- अगर कोई व्यक्ति जल जाता है, तो उसके शरीर के जले हुए हिस्से को तुरंत पानी में डुबो देना चाहिए। इससे राहत मिलेगी और दर्द में कमी होगी। उसके बाद उस स्‍थान पर मलहम लगाएं। हल्का जलने पर गंभीर दर्द को रोकने के लिए पैरासिटामोल या आइबुप्रोफेन का इस्तेमाल करें और अपने डॉ की सलाह लें। अगर जलन ज्‍यादा गंभीर है और शरीर में फफोले हो, त्वचा काली पड़ जाए या चमड़ी हट जाए तो रोगी को तुरंत अस्पताल ले जाना चाहिए। जली हुई जगह पर तेल या मक्खन नहीं लगाना चाहिए।
  9. सांस रोगियों को इस दिन विशेष सावधानी रखने की बहुत जरुरत है। दीवाली के दौरान धूएं से प्रदूशण ज्‍यादा बढ़ जाने पर रोगी के संक्रमण से ग्रस्‍थ होने की ज्‍यादा संभावनाएं होती हैं। बेहतर होगा कि वह व्‍यक्ति धुएं के नजदीक ना जाए।
  10. इस दिन खाने का विशेष ध्‍यान दें। बाजार की मिठाईयों का कम से कम सेवन करें क्‍योंकि त्‍योहारों के समय मिलने वाली मिठाइयां बासी और मिलावटी होती हैं।

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