सरकार ने शुक्रवार को संसद में बताया कि आयकर विभाग ने 19,000 करोड़ रुपये से अधिक के कालेधन का पता लगाया है। विदेशी खातों की ग्लोबल लीक मामले जांच से इस रकम का पता चला है। बता दें कि इस लीक से स्विट्जरलैंड में एचएसबीसी खाता धारकों की जानकारी भी सामने आई थी।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जांच से मिली जानकारी के आधार पर लोकसभा को बताया कि सात सौ भारतीयों के संबंध कथित तौर पर विदेशी कंपनियों से हैं जो टैक्स नहीं देते हैं या कम देते हैं। यही नहीं विदेशी खातों में 11,010 करोड़ रुपये से अधिक की अघोषित आय का भी पता चला है। आपराधिक अदालतों के समक्ष ऐसे 31 मामलों से जुड़ी 72 शिकायतें दर्ज की गई हैं।
वित्त मंत्री ने बताया है कि डबल टैक्सेशन अवॉइडेंस कन्वेंशन (डीटीएसी) के तहत ऐसे 628 भारतीयों की जानकारी भी सामने आई है जिनके खाते एचएसबीसी बैंक, स्विट्जरलैंड में हैं। इन मामलों में जांच के बाद बीते मई महीने तक करीब 8,437 करोड़ रुपये की अघोषित आय टैक्स के दायरे में लाई गई है।
हर साल 12 हजार कारोड़ रुपये का डिजिटल ट्रांजेक्शन
सरकार ने राज्यसभा में शुक्रवार को बताया कि हर साल करीब 12 हजार कारोड़ रुपये का डिजिटल ट्रांजेक्शन हुआ है। इसमें धोखाधड़ी से होने वाला लेनदेन कम था।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने बताया कि ई-वॉलेट सहित प्रीपेड भुगतान के लिए आरबीआई ने धोखाधड़ी लेनदेन के अस्थाई आंकड़ों को सहेजना शुरू कर दिया है। बीते मार्च, अप्रैल और मई महीने के आंकड़ों के मुताबिक लेनदेन की कुल संख्या में धोखाधड़ी लेनदेन की संख्या 0.005 फीसदी से 0.007 फीसदी के बीच है।