उम्र को धूल चटातीं 97 साल की योग गुरु ननम्मल  

ननम्मल ने कोयम्बटूर में 20,000 से अधिक छात्र और उत्साही लोगों को योग का प्रशिक्षण देकर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज करवाने का प्रयास किया ।

ननम्मल के पिता एक मार्शल आर्ट कलाकार थे। ननम्मल ने योग की मूल बातें अपने पिता से ही सीखी हैं। ये पिता की सीख ही है, कि वे 97 वर्ष की उम्र में भी अपने शरीर को अपनी इच्छानुसार तोड़-मरोड़ सकती हैं।

भारत में संभवतः सबसे वृद्ध योग प्रशिक्षक वी ननम्मल दैनिक आधार पर 100 से अधिक छात्रों को योगा सिखाती हैं और उनके छात्रों में सभी आयु वर्ग के लोग शामिल हैं। नन्नाममल ने योग की मूल बातें अपने पिता से सीखी हैं। उनके पिता आठ साल की उम्र से ही एक मार्शल आर्ट कलाकार थे। स्वाभाविक रूप से सुबह जल्दी जागने वाली नन्नाममल सुबह उठते ही 500 मिलीलीटर पानी पीती हैं और अपने दांतो को साफ़ करने के लिए नीम कि दातुन का इस्तेमाल करती हैं और इसीलिए जब कभी वो शहर से बाहर यात्रा पर होती हैं, तो भी अपने साथ नीम की दातुन ले जाना नहीं भूलतीं। ननम्मल दिन के समय फल, शहद के साथ दूध और हल्दी पाउडर जैसा स्वस्थ भोजन खाती हैं।

डेक्कन क्रॉनिकल के साथ बात करते हुए ननम्मल कहती हैं, ‘मेरे पति ‘सिद्ध’ का अभ्यास करने के साथ ही खेती करते थे। इस प्रकार से शादी के बाद प्राकृतिक चिकित्सा के प्रति मेरे लगाव कि शुरुआत हुई। मैंने अपने जीवन में कभी भी योग के अभ्यास को नहीं छोड़ा और यही मेरे स्वास्थ्य का रहस्य है। मेरे द्वारा प्रति दिन किया जाने वाला भोजन भी फाइबर और कैल्शियम से अत्यंत समृद्ध होता है। मैं हर रोज एक अलग शाकाहारी व्यंजन के साथ कांजी लेती हूँ। हमारे द्वारा उपयोग की गई सभी सब्जियां हमारे अपने खेत में उगाई जाती हैं।’

ननम्मल ने कोयम्बटूर में 20,000 से अधिक छात्र और उत्साही लोगों को योग का प्रशिक्षण देकर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी अपना नाम दर्ज करवाने का प्रयास किया है। वर्तमान में उनका उद्देश्य महिलाओं और मुख्य रूप से कन्या छात्राओं को विशेष रूप से शादी के बाद, उनकी बहुत से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को हल करने के लिए विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में जाकर योग तकनीकों के बारे में जागरूकता पैदा करना है।

ननम्मल बेटे वी एलुसामी कहते हैं, ‘उन्होंने दुनिया भर से कई योग महासंघों से आये प्रस्तावों को सिर्फ इसलिए रिजेक्ट करना पड़ गया, क्योंकि उन्हें अंग्रेजी नहीं आती है।’

नन्नाममल से योग का प्रशिक्षण लिए हुए लगभग 600 लोग आज योग प्रशिक्षक की भूमिका में हैं और दुनिया भर को योग का प्रशिक्षण दे रहे हैं। अभी उनके परिवार के 36 सदस्य गंभीरता से योग अभ्यास से जुड़े हुए हैं। ननम्मल का दृढ़ विश्वास है, कि यदि ‘इंसान इरादा सही है तो फिर कोई बहाना या सीमा उसे रोक नहीं सकती है।’

 

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