नयी दिल्ली, : पर्यावरण मंत्री और मध्य प्रदेश से दो बार राज्यसभा के सदस्य रहे अनिल माधव दवे का आज यहां निधन हो गया।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक 60 वर्षीय दवे ने अपने घर पर बेचैनी की शिकायत की और तब उन्हें एम्स ले जाया गया। वहां उनका निधन हो गया।
दवे वर्ष 2009 से राज्यसभा के सदस्य थे। पिछले वर्ष उन्हें पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग का स्वतंत्र प्रभार मिला था। उन्होंने विवाह नहीं किया था।
वह लंबे समय तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहे और वर्ष 2003 में मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को हराने के लिए रणनीति बनाकर चर्चा में आए थे।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उनके आकस्मिक निधन पर शोक जताया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दवे के निधन पर शोक व्यक्त किया है।
उन्होंने ट्वीट में कहा, ‘‘अपने मित्र एवं सम्मानित सहकर्मी पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे जी के आकस्मिक निधन से सदमे में हूं। मैं संवेदनाएं व्यक्त करता हूं।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि दवे को एक समर्पित लोकसेवक के तौर पर याद किया जाएगा, जो पर्यावरण संरक्षण के प्रति बेहद जुनूनी थे।
एक अन्य ट्वीट में मोदी ने कहा, ‘‘कल देर शाम तक मैं अनिल माधव दवे जी के साथ था और मुख्य नीतिगत मुद्दों पर चर्चा कर रहा था। उनका निधन एक निजी क्षति है।’’ गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मंत्री के निधन की खबर से वह दुखी हैं।
राजनाथ ने कहा, ‘‘दवे पर्यावरण से जुड़े मुद्दों को लेकर काफी सक्रिय और संवदेनशील थे। काम के प्रति उनका समर्पण सराहनीय है। दवे के परिवार के सदस्यों के प्रति मेरी संवदेनाएं।’’ वित्त मंत्री अरण जेटली ने भी दवे के निधन पर दुख जताया।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने भी दवे के निधन पर शोक जताया।
रमेश ने भाजपा नेता दवे को ‘‘बहुत अच्छा व्यक्ति’’ बताया और याद किया कि किस तरह पूर्ववर्ती कांग्रेस नीत संप्रग सरकार में जब वह खुद पर्यावरण मंत्री थे तब दवे ने उन्हें कितना समर्थन दिया था।