सम्मानित किए गए भारतीय भाषा परिषद के नवनियुक्त निदेशक डॉ. शम्भुनाथ

हिंदी के प्रसिद्ध आलोचक और कलकत्ता विश्वविद्यालय में हिंदी विभाग के पूर्व-प्रोफेसर और अध्यक्ष डॉ. शंभुनाथ ने भारतीय भाषा परिषद के निदेशक का पद भार ग्रहण कर लिया। इस अवसर पर सांस्कृतिक पुनर्निर्माण मिशन की ओर से उनको सम्मानित किया गया।  भारतीय भाषा परिषद के सहयोग से आयोजित मिशन के वार्षिक मिलनोत्सव में संगीतकार ओमप्रकाश मिश्र ने कबीर से शुरू कर निराला, प्रसाद, कैफी आजमी, त्रिलोचन, जावेद अख्तर आदि के गीतों एवं गजलों का गायन करके समां बांध दिया। इस अवसर पर भारतीय भाषा परिषद के निदेशक प्रो.शंभुनाथ ने ‘आज का समय – मानवता का संरक्षण’ विषय पर बोलते हुए कहा ‘अम्बेडकर के नेतृत्व में निर्मित संविधान दुनिया की मानवता का श्रेष्ठतम निचोड़ है, जिसकी रक्षा की जानी चाहिए। यह बात उन्होनें अम्बेडकर जयंती के अवसर पर कही। दो सौ साल पहले बंगाल से ही नये जागरण की शुरुआत हुई थी। नई चुनौतियों के दौर में पुनः राष्ट्रीय जागरण और हिंदी के संदर्भ में बंगाल को एक नई भूमिका का निर्वाह करना है। इस अवसर पर प्रो.संजय जायसवाल ने कहा कि हम लोग सोशल मीडिया का इस्तेमाल सत्य के चेतना वाहक के रूप में करेंगे जबकि हमलोग आज झूठ के मालवाहक बनाए जा रहे हैं। इस अवसर पर श्रव्य-दृश्य माध्यम से सी.डी. बनाने की योजना सामने रखी। संस्था के महासचिव ने स्वागत भाषण एवं कालीप्रसाद जायसवाल ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। डॉ. शंभुनाथ के पहले प्रभाकर माचवे, पांडुरंग राव, प्रभाकर श्रोत्रिय, रवींद्र कालिया आदि इस पद पर रह चुके हैं। डॉ. शंभुनाथ ने हाल में परिषद में 10 खंडों में प्रकाश्य 5000 से अधिक पृष्ठों के हिंदी साहित्य ज्ञानकोश का संपादन संपन्न किया है।  भारत सरकार के केंद्रीय हिंदी संस्थान में निदेशक के रूप में तीन साल के अपने कार्यकाल में डॉ. शंभुनाथ ने अफगानिस्तान जाकर जलालाबाद और काबुल विश्वविद्यालय में हिंदी विभाग खोलने, नगालैंड में सभी स्कूलों में द्वितीय भाषा के रूप में हिंदी की पढ़ाई शुरू कराने जैसे कई महत्वपूर्ण कार्य किए थे। शंभुनाथ के ही प्रयास से ही हिंदी की 55 लघु पत्रिकाओं को वार्षिक सरकारी अनुदान दिया जाना शुरू हुआ था। भारतीय भाषा परिषद की अध्यक्ष डॉ. कुसुम खेमानी ने उन्हें अपनी शुभकामनाएं देते हुए आशा व्यक्त की कि डॉ. शंभुनाथ अपने कार्य काल में परिषद को नई ऊंचाइयों की ओर ले जाएंगें।

 

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