केंद्र सरकार ने पासपोर्ट फार्मेट में बड़ा बदलाव कर सकती है। पासपोर्ट बुकलेट पर अब तक आवेदनकर्ता के पिता, मां और पति या पत्नी का नाम होता था. पर अब इस ऑप्शन को हटाने पर सरकार विचार कर सकती है। एक अंतरमंत्रालीय पैनल ने विदेश मंत्रालय को ये प्रथा खत्म करने का प्रस्ताव दिया था। ये प्रस्ताव कई लोगों खासतौर से महिलाओं की शिकायतों को देखते हुए दिया गया है।
पैनल का कहना है कि अविवाहित, पति से अलग रहने वाली या तलाकशुदा महिलाएं को अक्सर इस तरह की जानकारियां देने में परेशानी होती है। पासपोर्ट में इन सभी जानकारियों की कोई जरूरत नहीं है।
तीन महीने पहले हुआ था पैनल का गठन
महिला व बाल विकास मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और केंद्रीय पासपोर्ट ऑर्गनाइजेशन की ओर से तीन महीने पहले इस पैनल का गठन किया गया था, जिसका काम पासपोर्ट एक्ट 1967 और पासपोर्ट नियम 1980 की समीक्षा करना था।
पैनल ने दिए थे ये तर्क
पैनल का कहना था कि दुनियाभर की सभी विकासशील देशों में पासपोर्ट बुकलेट ये सारी जानकारी नहीं लिखी जाती है। इस प्रस्ताव में ये भी कहा गया कि विदेश मंत्रालय ये सभी जानकारियां अपने रिकॉर्ड के लिए ले सकता है, लेकिन इन्हे पासपोर्ट बुकलेट पर छापना जरूरी नहीं है। खासतौर से महिलाओं को इस पेज की वजह से उत्पीडऩ का शिकार होना पड़ता है।
केंद्र ने पासपोर्ट नियम में किए थे ये बदलाव
इसके अलावा केंद्र सरकार ने पासपोर्ट नियम में कुछ बदलाव किए थे। पहले जहां आवेदन के समय आवेदक से 12 सवाल पूछे जाते थे, अब वहीं केवल नौ सवालों के ही जवाब देने होंगे। आवेदक के पास पहले पासपोर्ट था या नहीं? और कभी विदेश दौरा किया था? यह दोनों सवाल हटा दिए गए हैं। पुलिस वैरिफिकेशन पासपोर्ट बनने के बाद होगा, लेकिन इसके लिए पासपोर्ट सेवा केंद्र का आधार कार्ड प्रोजेक्ट से लिंक होना जरूरी है। नए फॉर्मेट के मुताबिक, अस्थायी पते पर रहने वाले आवेदकों को पुलिस वैरिफिकेशन में अब यह जानकारी भी देनी होगी कि पासपोर्ट के लिए आवेदन करने से पहले वह पिछले एक साल में कहां-कहां रहा।