दीपावली जितनी खुशियां ले कर आती है वहीं माता-पिता के लिये जोखिम भी लाती है। कारण होता है तेज रौशनी और आग उगलते हुए पटाखे, जिसे बच्चे जिद कर के अपने परिवारजनों से खरीदवा लेते हैं। धमाकेदार बंब, फुलझड़ी, आनार और अन्य नुकसान तथा धुंआ फैलाने वाले पठाखों से बच्चों को सावधानी बरतने की विशेष जरुरत होती है। लेकिन बच्चे तो बच्चे होते हैं, उनका तो काम ही है जिद करना। मगर इस दीवाली वाले दिन बच्चों के मां बाप को उनकी विशेष निगरानी करने की जरुरत है –
बच्चों को पटाखों के नुकसान बताएं – बच्चों को पास बैठा कर बताएं कि पाटाखे से उसे शारीरिक तौर पर कितना नुकसान पहुंच सकता है। वैसे तो बच्चे के अंदर किसी भी प्रकार का डर नहीं भरना चाहिये लेकिन पटाखों के प्रति सजग होने का भाव उसके अदंर जरुर डालें।
बच्चों को रात में ज्यादा देर बाहर न रहने दें – रात में हर किसी के यहां पटाखे छोडे़ जा रहे होंगे इसलिये यदि आपने अपने बच्चे को किसी दोस्त के यहां दीवाली मनाने के लिये भेजा है तो, उसे सही समय पर घर पर वापस ले आएं।
हमेशा अपने बच्चे के साथ रहें – अगर आपका बच्चा काफी छोटा है या फिर वह बहुत शैतान है तो, उसके साथ हमेशा खडे़ रहें। अपने बच्चे के साथ ही पटाखे जलाएं। आंखों का विशेष ख्याल – आंखें काफी नाजुक होती हैं इसलिये हो सके तो बच्चों को पटाखे छुड़ाते वक्त चश्मा पहनने को दे दें। इससे पटाखों से निकलने वाले धुएं और तेज रौशनी का असर आंखों पर नहीं पडे़गा।