कृष्णानगर : तृणमूल के टिकट पर लोकसभा पहुँचीं महुआ मोएत्र कॉरपोरेट जगत से हैं। तृणमूल की मुखर नेत्रियों में शामिल महुआ के मुताबिक कृष्णनगर की गलियों तक पहुँचने का उनका सफर अमेरिका में मैसाच्यूसेट्स से शुरू हुआ था। वह बताती हैं, ‘मैंने वहाँ इकोनोमिक्स और मैथ्स की पढ़ाई की। ग्रेजुएशन के बाद बैंकिंग क्षेत्र में कदम रखा। धीरे-धीरे आगे बढ़ते हुए जेपी मॉर्गन में वाइस प्रेसिडेंट बन गई। न्यूयॉर्क और लंदन में काम किया। लेकिन, किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। कहां तो मैं लुई वितें के हैंडबैग, बॉबी ब्राउन के आइलाइनर और कारनेशन लिप कलर जैसे ब्रांड्स पसंद करती थी, लेकिन अब मुझे फुलिया कॉटन की स्थानीय साड़ी भी उतनी ही पसंद है। मुझे इन दोनों दुनियाओं में कोई टकराव नहीं दिखता। मैं न्यूयॉर्क में जितना सहज थी, उतनी ही कृष्णनगर की सड़कों पर हूँ। यह रास्ता मैंने खुद चुना है। मैंने नदिया जिले की करीमनगर सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा। वहाँ मैंने अपने तमाम बैंकिंग अनुभव जमीन पर उतारे। 150 करोड़ रुपये के काम कराए। इसी से साबित किया कि मैं लोकसभा चुनाव के लिए प्रबल दावेदार हूँ। ममता बनर्जी को मेरा काम पसन्द आया। होलयोक कॉलेज से निकलकर मेरे साथी रियूनियन में किस्से सुनाते थे, कि कौन कहां डायरेक्टर, मैनेजिंग डायरेक्टर और प्रेसीडेंट बन गया। जुलाई 2008 में कांग्रेस की सिपाही बन गयी। राहुल गाँधी ने आम आदमी की सिपाही प्रोग्राम चलाया हुआ था। यह मेरे लिए नर्सरी थी। 2009 का चुनाव कांग्रेस ने तृणमूल के साथ मिलकर लड़ा। कृष्णानगर सीट ममता की पार्टी ने जीती। दो साल बाद मैं ममता के साथ चली गई।’ 43 साल की महुआ तृणमूल सांसद हैं। पं बंगाल के कृष्णानगर से जीती हैं। सियासत में आने से पहले जेपी मार्गन कंपनी में वाइस प्रेसिडेंट थीं। 2008 में राहुल कांग्रेस में लाए।
साभार – दैनिक भास्कर