नई दिल्ली : आजादी के 70 साल बाद निर्मला सीतारमण के रूप में देश को पहली पूर्णकालिक महिला रक्षा मंत्री मिली हैं। रविवार को राष्ट्रपति भवन में कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ लेने के बाद उन्हें ये जिम्मा सौंपा गया। सीतारमण ने कहा, “ये बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। मुझे उम्मीदों पर खरा उतरना है।” इससे पहले 1975 और 1980 में प्रधानमंत्री रहते हुए इंदिरा गांधी डिफेंस मंत्रालय संभाल चुकी हैं। 2019 लोकसभा चुनाव से 20 महीने पहले हुए कैबिनेट फेरबदल में पीयूष गोयल को रेलवे का जिम्मा सौंपा गया है। सुरेश प्रभु कॉमर्स और इंडस्ट्री की जिम्मेदारी संभालेंगे। जेटली के पास अब वित्त कॉरपोरेट अफेयर्स मन्त्रालय है। कैबिनेट में 9 नए चेहरे शामिल गए गए। इनमें तीन चुनावी राज्यों के नेताओं के अलावा पूर्व आईएएस तथा आईपीएस अधिकारी हैं। जेडीयू के सरकार में शामिल होने और बड़ा फेरबदल किए जाने की चर्चाएं थीं। लेकिन, इससे उलट ये बदलाव छोटा ही रहा।
मोदी कैबिनेट में फेरबदल
1) किसको, कौन सा मंत्रालय मिला?
रक्षा – निर्मला सीतारमण
रेलवे- पीयूष गोयल
क्रीड़ा तथा युुवा मामले – राज्यवर्धन राठौर (स्वतंत्र प्रभार)
क्रीड़ा तथा युुवा मामले- विजय गोयल (राज्यमंत्री)
उर्जा – आरके सिंह (स्वतंत्र प्रभार)
पर्यटन/इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इन्फर्मेशन टेक्नोलॉजी- अल्फाेन्स कन्ननथानम (राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार)
कौशल विकास मंत्रालय- धर्मेंद्र प्रधान
पेयजल तथा निकासी- उमा भारती
जल संसाधन तथा गंगा संरक्षण – नितिन गडकरी
शहरी विकास – हरदीप पुरी (राज्यमंत्री)
खनन- नरेंद्र सिंह तोमर
संसदीय मामले- विजय गोयल (राज्यमंत्री)
स्वास्थ्य तथा परिवार कल्याण – अश्विनी कुमार चौबे (राज्यमंत्री)
स्किल डेवलपमेंट मंत्री- अनंत कुमार हेगड़े (स्वतंत्र प्रभार)
वाणिज्य तथा उद्योग- सुरेश प्रभु
2) फेरबदल क्यों?
4 P और न्यू इंडिया विजन
– मोदी ने नए नामों के चयन में 4 P को तरजीह दी, ताकि उनके न्यू इंडिया विजन पर काम हो।
पैशन: काम करने का जुनून
प्रोफिशिएंसी: काबिलियत
पॉलिटिकल अंडरस्टैंडिंग: राजनीतिक समझ
प्रोफेशनल एक्युमेन: पेशेवर महारत
3) किनका प्रमोशन?
पीयूष गोयल (53), धर्मेंद्र प्रधान (48), निर्मला सीतारमण (58), मुख्तार अब्बास नकवी (59) को कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिला है। ये सभी पहले स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री थे।
4) नए चेहरे कौन?
विशेषज्ञ
– सत्यपाल सिंह (62): वे 34 साल IPS रहे हैं। मुंबई के पुलिस कमिश्नर रहे।
– अल्फाेन्स कन्ननथानम (64): वे 27 साल तक IAS रहे। केरल में बीजेपी का चेहरा।
– आरके सिंह (64): 38 साल तक IAS रहे। देश के गृह सचिव भी रह चुके हैं।
हरदीप सिंह पुरी (65): 39 साल तक IFS रहे। 2009-13 तक यूएन में भारत के परमानेंट रिप्रेजेंटेटिव रहे।
अनुभवी
अश्विनी कुमार चौबे (64), बिहार
शिव प्रताप शुक्ल (65), यूपी
डॉ. वीरेंद्र कुमार (63), मध्यप्रदेश
एनर्जेटिक
अनंत कुमार हेगड़े (49), कर्नाटक
गजेंद्र सिंह शेखावत (49), राजस्थान
5) फेरबदल के मायने?
एक्सपर्टाइज पर जोर:नौ नए चेहरों में चार पूर्व ब्यूरोक्रेट्स हैं। तीन चुनावी राज्यों से हैं।
कैबिनेट में कितनी जगह बाकी: कॉन्स्टिट्यूशन के मुताबिक, मंत्रिमंडल में मंत्रियों की लिमिट लोकसभा की कुल स्ट्रैंथ (545) से 15% ज्यादा नहीं हो सकती। ये स्ट्रैंथ 81 है। मौजूदा फेरबदल में 4 को प्रमोशन मिला, 9 नए मंत्री बने और 6 ने इस्तीफा दिया। अब कुल मंत्रियों की संख्या 76 है। यानी 5 और मंत्री बनाए जा सकते हैं।
फिर हो सकता है बदलाव: माना जा रहा था कि 2019 चुनाव से पहले ये आखिरी फेरबदल होगा। लेकिन, 5 और मंत्री बनाए जा सकते हैं। जेडीयू और एआईएडीएमके को इस बार सरकार में जगह नहीं मिली। संभव है कि चुनाव से पहले समीकरण साधने के लिए दोनों को कैबिनेट में हिस्सेदारी दी जाए।
6) फेरबदल पर क्या बोले मोदी?
– नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया- जिन लोगों ने आज शपथ ली है, उनका अनुभव और ज्ञान कैबिनेट की ताकत में इजाफा करेगा।
7) रेल मंत्री ने क्या संकेत दिए?
– शपथ ग्रहण के तुरंत बाद सुरेश प्रभु ने संकेत दे दिए थे कि वे अब रेल मंत्री नहीं रहेंगे। उन्होंने ट्वीट कर प्रमोशन पाने वाले पीयूष गोयल, नकवी, प्रधान और सीतारमण को बधाई दी। इसके बाद उन्होंने एक और ट्वीट किया- रेलवे के 13 लाख इम्प्लॉइज का उनके प्यार और सहयोग के लिए शुक्रिया। ये खूबसूरत यादें जीवन भर मेरे साथ रहेंगी। आपको भावी जीवन के लिए शुभकामनाएं।
8) शपथ ग्रहण का नजारा
– शपथ ग्रहण समारोह में मोदी के दाहिनी तरफ अमित शाह, राजनाथ सिंह, अरुण जेटली, थावरचंद गहलोत, कलराज मिश्र, अनंत कुमार और जेपी नड्डा बैठे थे। स्मृति ईरानी, प्रकाश जावड़ेकर साथ बैठे थे। उनकी पीछे की कतार में राज्यवर्धन सिंह राठौर, मनोज सिन्हा बैठे थे। एक अलग कतार में रामविलास पासवान, मेनका गांधी, रविशंकर प्रसाद, अशोक गजपति राजू, हरसिमरत कौर और चौधरी बीरेंद्र सिंह बैठे थे।
– शपथ लेने वाले मंत्रियों की पहली कतार में मुख्तार अब्बास, निर्मला सीतारमण, पीयूष गोयल और धर्मेंद्र प्रधान बैठे थे। इन्हें राज्यमंत्री से प्रमोट करके कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है।
9) अटक गए धर्मेंद्र प्रधान
– कैबिनेट मंत्री की शपथ लेने के लिए धर्मेंद्र प्रधान को बुलाया गया। प्रधान ने हिंदी में शपथ ली। जब उन्हें ‘प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से संसूचित’ बोलना था तो वे अटक गए। कोविंद ने ये शब्द दोबारा पढ़े। इसके बाद प्रधान ने शपथ पूरी की। प्रधान अब तक राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) थे। उन्हें प्रमोट किया गया है। वे पेट्रोलियम मिनिस्टर हैं। गैस सिलेंडरों पर सब्सिडी छोड़ने के लिए गिव अप स्कीम और गरीब महिलाओं को फ्री रसोई गैस कनेक्शन देने वाली ‘उज्ज्वला स्कीम’ की कामयाबी के बाद वे प्रमोट हुए हैं।
10) कितने मंत्रियों ने दिया था इस्तीफा?
कलराज मिश्र
बंडारू दत्तात्रेय
राजीव प्रताप रूडी
फग्गन सिंह कुलस्ते
संजीव कुमार बाल्यान
महेंद्र नाथ पांडेय