1993 बम धमाके : दो को मौत की सजा, सलेम को उम्रकैद

मुंबई : मुंबई की एक अदालत ने 1993 के सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में आज ताहिर मर्चेंट और फिरोज अब्दुल राशिद खान को मौत की सजा सुनाई तथा प्रत्यर्पित करके भारत लाए गए गैंगस्टर अबू सलेम को उम्रकैद की सजा सुनाई।अदालत ने सलेम के अलावा इस मामले के संबंध में करीमुल्लाह खान को भी उम्रकैद की सजा सुनाई।
विशेष टाडा अदालत ने धमाकों के 24 साल बाद जून में इस मामले में मास्टरमाइंड मुस्तफा दोसा और सलेम समेत छह लोगों को दोषी ठहराया था। देश की वित्तीय राजधानी में हुए धमाकों में 257 लोग मारे गए थे।
बहरहाल, अदालत ने साक्ष्यों के अभाव में आरोपी अब्दुल कयूम को छोड़ दिया। यह मुकदमे का दूसरा चरण था।
सभी सातों आरोपी कई आरोपों का सामना कर रहे हैं जिनमें आपराधिक षडयंत्र, भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ना और हत्या के आरोप शामिल हैं।

अदालत ने पहले कहा था कि अभियोजन पक्ष ने यह साबित किया कि सलेम मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक था और उसने अभिनेता संजय दत्त को तीन एके-56 राइफल, गोला बारुद और हथगोले दिए थे। संजय दत्त को बाद में शस्त्र अधिनियम के तहत दोषी ठहराया गया था।
अदालत ने पहले कहा था कि दाउद के भाई अनीस इब्राहिम और दोसा का करीबी रहा सलेम दिघी से मुंबई खुद हथियार और गोला बारुद लेकर आया था।
अदालत ने कहा था, ‘‘यह इस साजिश की महत्वपूर्ण बात थी ताकि भारत के निर्दोष नागरिकों को आतंकित करने और उन्हें यातनाएं देने के लिए इन हथियारों का इस्तेमाल किया जा सकें।’’ अबू सलेम, मुस्तफा दोसा, करीमुल्लाह खान, फिरोज अब्दुल राशिद खान, रियाज सिद्दिकी, ताहिर मर्चेंट और अब्दुल कयूम के मुकदमे मुख्य मामले से अलग चलाए गए।

 

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