उरई. घर में छाया अंधेरा, फिर भी नहीं बुझी पढ़ाने आस। कुछ ऐसी ही तस्वीर यूपी के जालौन जिले में सामने आई है। यहां एक बच्ची रोजाना रेलवे स्टेशन पर आकर अपनी कॉपी-किताब खोलकर बैठ जाती है। पढ़ाई पूरी होने के बाद वह वापस चली जाती है। कई बार वह स्टेशन पर ही सो जाती है। सीएम के निर्देश पर डीएम ने उसकी मां को आवास और पेंशन दिए जाने की घोषणा की।
पढ़ने के स्कूल से तो मिला ड्रेस-किताब लेकिन झोपड़ी में नहीं मिली लाइट
– जालौन जिले के तिवारी अपने परिवार के साथ उरई रेलवे स्टेशन के पास एक झोपड़ी में रहते हैं।
– इनकी 6 साल की बेटी दिव्या प्राइमरी स्कूल में क्लास 2 की छात्रा है।
– दिव्या की मां मोनिका ट्रेनों में भीख मांगकर पेट पालती हैं, जबकि तिवारी मजदूरी करते हैं।
– बड़ी मुश्किल से 2 वक्त की रोटी का जुगाड़ हो पाता है। झोपड़ी में बिजली कनेक्शन भी नहीं है।
– फिर भी दिव्या के पढ़ने-लिखने के शौक को देखते हुए उसका सरकारी स्कूल में एडमिशन कराया है।
– स्कूल से उसे किताबें-ड्रेस तो मिल गईं, लेकिन झोपड़ी में लाइट नहीं आने के कारण वह पढ़ नहीं पाती थी।
– इसलिए वह पास स्थित स्टेशन पर चली जाती है और वहीं रोशनी में बैठकर पढ़ाई करती है।
– अक्सर वह स्कूल ड्रेस में ही होती है। लोग आते-जाते रहते हैं। रेलवे का अनाउंसमेंट और ट्रेन का शोर होता रहता है।
– लेकिन दिव्या बिना कहीं ध्यान दिए जमीन पर कॉपी-किताब फैलाए पढ़ती रहती है।
अफसर बनना चाहती है दिव्या
– दिव्या को अभी नहीं पता कि वह क्या बनना चाहती है।
– मां मोनिका बताती हैं, कभी-कभी बिटिया कहती है कि वह अफसर बनेगी, लेकिन कौन सी अफसर बनेगी, नहीं पता।
– रेलवे स्टेशन पर स्वीट की दुकान लगाने वाले मशहूर शर्मा बताते हैं, ऐसा जज्बा कम ही देखने को मिलता है।
सीएम ने आवास और पेंशन देने का दिया निर्देश
सीएम अखिलेश ने रविवार को दिव्या के परिवार को आवास और पेंशन देने के निर्देश दिए। इसके बाद डीएम संदीप कौर
ने दिव्या और उसकी मां को आवास और पेंशन दिए जाने की घोषणा की। उन्होंने इसके कागजात दिव्या की मां को सौंप
दिए।