भारतीय भाषा परिषद में सांस्कृतिक पुर्नर्निर्माण मिशन की ओर से अंतरंग विचार गोष्ठी एवं काव्य पाठ का आयोजन किया गया था। संगोष्ठी में मुख्य अतिथि थे – प्रो. शंभूनाथ और काली प्रसाद जायसवाल। इस अवसर पर आलेख पाठ किया पंकज सिंह और मधु सिंह। पंकज सिंह का आलेख मानिक बच्छावत की कविताओं पर था, वही मधु सिंह के आलेख का विषय था – हिन्दी साहित्य का हिन्दी सिनेमा पर प्रभाव। संस्था के सचिव राजेश मिश्र ने आलेख पाठ पर अपने विचारों को रखा और साथ ही आलेख पाठ के तरीकों पर भी अपने बहुमूल्य सुझाव दिए।
संगोष्ठी के दूसरे सत्र में कविता पाठ हुआ। काव्य पाठ में राजेश मिश्र, ऋतेश पाण्डेय, नीलाम्बुज, ममता पाण्डेय, धर्मेन्द्र राय, राहुल शर्मा ने अपने अपने कविताओं का पाठ किया। प्रो. शंभुनाथ ने अध्यक्षीय वक्तव्य में कहा कि कोलकाता से जिस तरह नये कवि अपने नये मिजाज और कलेवर के साथ सामने आ रहे हैं, उससे यह आश्वस्ति मिलता है कि यहाँ का साहित्यिक परिदृश्य आने वाले दिनों और ज्यादा सघन होगा। आलेख पाठकों के लिए उन्होंने आलेख प्रस्तुति के ढंग पर अपने विचार दिए। कार्यक्रम का संचालन किया श्री संजय जायसवाल ने और धन्यवाद ज्ञापन अनिता राय ने दिया।