नयी दिल्ली : शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया में सरकार अपनी 63.75 हिस्सेदारी बेचने जा रही है। एयर इंडिया समेत कई कंपनियों और बैंकों में हिस्सेदारी घटाने के बाद अब इस सरकारी कंपनी में विनिवेश होगा। जहाजरानी मंत्रालय ने कहा है कि वो इस कंपनी में हिस्सेदारी घटाने को लेकर के किसी तरह का कोई विरोध नहीं करेगा।
2017 में किया था विरोध
मंत्रालय ने 2017 में कंपनी के विनिवेश करने को लेकर के काफी विरोध किया था। लेकिन अब मंत्रालय सचिवों के एक समूह द्वारा तैयार किए गए प्रस्ताव का किसी तरह से कोई विरोध नहीं किया जाएगा। इस प्रस्ताव को हाल ही में मंजूरी दी है। अब इस बारे में कैबिनेट जल्द फैसला लेगा।
सचिवों के समूह ने शिपिंग कॉर्पोरेशन के अलावा भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल), कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (कॉनकोर), नीपको और टीएचडीसी में सरकारी हिस्सेदारी बेचने का प्रस्ताव दिया है। वित्त मंत्रालय के अधीन डिपार्टमेंट ऑफ इंवेस्टमेंट एंड पब्लिक असेट मैनेजमेंट (दीपम) ने इन कंपनियों में हिस्सेदारी बेचने के लिए आवेदन मंगाए हैं।
इतनी है इन कंपनियों में सरकार की हिस्सेदारी
सरकार की शिपिंग कॉर्पोरेशन में 63.75 फीसदी, बीपीसीएल में 53.29 फीसदी, कॉनकॉर में 30 फीसदी, नीपको में 100 फीसदी और टीएचडीसी में सरकारी हिस्सेदारी 75 फीसदी है। माना जा रहा है कि दीपम पहली तीन कंपनियों को निजी कंपनियों को बेचना चाहती है जबकि नीपको और टीएचडीसी को अन्य पीएसयू को बेचना चाहती है। इनकी संभावित खरीदार एनटीपीसी हो सकती है।