भारत और चीन दुनिया की सबसे तेजी से उभरती हुई अर्थव्यवस्थाएं हैं लेकिन दुनिया भर में वायु प्रदूषण के कारण होने वाली असमय मौतों में से आधी इन दोनों देशों में होती हैं। एक हालिया रिपोर्ट में इस बात का दावा किया गया है। ‘स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर 2017’ की रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया गया है कि सूक्ष्म कणों के कारण होने वाली मौतों के मामले में भारत लगभग चीन के करीब पहुंच चुका है। इसमें साथ ही कहा गया है कि भारत समेत दस सबसे अधिक जनसंख्या वाले देशों, यूरोपीय संघ और बांग्लादेश में पीएम 2.5 का स्तर सर्वाधिक है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया भर में ओजोन के कारण होने वाली मौतों में करीब 60 फीसदी का इजाफा हुआ है लेकिन भारत में यह आंकड़ा 67 फीसदी तक चला गया है। ‘स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर 2017’ इस मुद्दे से जुड़ी इस साल की पहली वाषिर्क रिपोर्ट है। वाशिंगटन विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैलुएशन :आईएचएमई: और ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय के सहयोग से हेल्थ एफेक्ट इंस्टीट्यूट ने यह रिपोर्ट तैयार की है। इस रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘वर्ष 2015 में पीएम 2.5 के कारण 42 लाख लोगों की मौत हुई और इसके कारण हुई मौतों में से करीब 52 फीसदी मौतें भारत और चीन में हुई।’’