कोलकाता : महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा के क्षेत्रीय केंद्र, कोलकाता में ‘संविधान दिवस’ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत में केंद्र के प्रभारी डॉ. सुनील कुमार ‘सुमन’ ने वहाँ उपस्थित शिक्षकों, विद्यार्थियों और कर्मचारियों को संविधान की प्रस्तावना पढ़कर शपथ दिलाई। इसके बाद केंद्र की विजिटिंग फैकेल्टी प्रो. चंद्रकला पांडेय ने कहा कि संविधान देश की रक्षा की बुनियाद है। सरकारें आती हैं और जाती हैं, लेकिन उनकी प्रतिबद्धता होती है कि वे देश के संविधान की रक्षा का प्रण लें। यह देश के हर नागरिक की भी ज़िम्मेदारी होती है कि यहाँ संविधान की मर्यादा को ध्यान में रखते हुए ही काम किए जाएँ। केंद्र के सहायक संपादक राकेश श्रीमाल ने कहा कि देश के संविधान को पाठ्यक्रम में अनिवार्य रूप से पढ़ाया जाना चाहिए, ताकि विद्यार्थियों को आरंभ से इसकी जानकारी हो सके। केंद्र प्रभारी डॉ. सुनील कुमार ‘सुमन’ ने इस अवसर पर बोलते हुए कहा कि आज यदि हमारा देश दुनिया का एक बड़ा लोकतांत्रिक देश है तो इसका कारण यह संविधान ही है। यह संविधान देश के करोड़ों शोषित-पीड़ित नागरिकों की मुक्ति का दस्तावेज़ है। यह सभी को समान अवसर व अधिकार प्रदान करता है। किसी के साथ जाति, धर्म, लिंग, क्षेत्र, संप्रदाय आदि के नाम पर कोई भेदभाव नहीं करता। संविधान को देश के हर नागरिक के लिए पढ़ना जरूरी है, ताकि वह इसके महत्व को जान-समझ सके और इसकी गरिमा को बरकरार रखना अपना नैतिक दायित्व समझे। इस कार्यक्रम का संचालन जनसंचार विभाग के अतिथि अध्यापक डॉ. ललित कुमार ने किया। इस आयोजन में डॉ. आलोक कुमार सिंह, काजल शर्मा, अमित कुमार साह, सुखेन शिकारी तथा रीता बैद्य की सहभागिता प्रमुखता से रही।