तिरुवनंतपुरम : अपनी पढ़ाई की जरूरतों को पूरा करने के लिए मछली बेचने के लिए सोशल मीडिया पर ट्रोल हुई 21 वर्षीय कॉलेज छात्रा ने बाढ़ से प्रभावित केरल राज्य के मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष में 1.5 लाख रुपये का योगदान किया है।
कोच्ची की रहने वाली छात्रा हनान ने कहा कि यह पैसा उसके पढ़ाई के लिए किए जा रहे संघर्ष के सोशल मीडिया पर शेयर किए जाने के बाद लोगों ने उसकी और उसके परिवार की मदद के लिए दिया गया था। हनान ने कहा यह पैसा मुझे लोगों से मिला था और जरुरतमंदों की मदद के लिए इसे वापस देकर मैं बहुत खुश हूं।
अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों में एंकर की भूमिका निभाने वाली हनान ने लोगों से राहत कार्य के लिए अधिक से अधिक दान करने की गुजारिश की है। इडुक्की जिले के थोडुपुझा में एक निजी कॉलेज में बीएससी की छात्रा हनान के संघर्ष की कहानी मलयालम दैनिक में प्रकाशित होने के बाद वायरल हो गई थी। लेकिन, सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं के एक धड़े ने उसकी कहानी पर संदेह जताया था और उसे फर्जी करार दिया था।
हनान के अलावा, जीवन के विभिन्न क्षेत्रों के लोग उदारता से मदद करने के लिए धन और विभिन्न आवश्यक योगदान दे रहे हैं। एक सरकारी कर्मचारी और नर्स लिनी पुथुसरी जिसकी एक मरीज की सेवा के दौरान निपा वायरस से संक्रमित होने के बाद मौत हो गई थी के पति सजीश ने अपना पहला वेतन (25,000 रुपये) राहत कोष में दिया है। केरल सरकार ने लिनी की नि:स्वार्थ सेवा को देखते हुए सजीश को स्वास्थ्य क्षेत्र में नौकरी दी है।
600 रुपये की मासिक पेंशन पाने वाली कन्नूर जिले के थलसेसरी की साठ वर्षीय रोहिणी ने राहत कोष में 1000 रुपये का योगदान किया है। रोहणी का आय का कोई अन्य स्रोत नहीं है। राहत कोष में योगदान देने वालों में सोशल मीडिया ग्रुप्र, विद्यार्थी, अभिनेता और एनजीओ भी शामिल हैं।