भोजपुरी लोकगीत – लोरी

लोरी –

 
चंदा मामा, आरे आव, पारे आवऽ,
नदी के किनारे आवऽ
सोने की कटोरिया में
दूध भात ले ले आवऽ
बुचिया का मुंहवा में घूट! घूट!!
(अनेक जगह यह पंक्ति है – “बबुआ के मुंहवा में घुटुक”।)

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घुघुवा मन्ना, उपजे चन्ना,
एही पड़े आवेले बबुआ के मामा।
उठा ले ले कोरा, थमा दे ले लड्डू,
छेदा देले नाक-कान
पहिरा देले बाला।

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