कोलकाता : भोजपुरी गीतों व फ़िल्मों में अश्लीलता के खिलाफ पिछले एक दशक से आंदोलन चला रहे भारतीय अटल सेना (राष्ट्रवादी )के राष्ट्रीय अध्यक्ष व बक्सर निवासी नंद कुमार तिवारी ने इधर इस मुहीम को तेज कर दिया है। उन्होंने भोजपुरी को भाषा का दर्जा देने की भी आवश्यकता पर जोर दिया। ‘भोजपुरी में अश्लीलता पर रोक’ पर संवाद कार्यक्रम के तहत वे कोलकाता आये और उन्होंने बंगाल में सक्रिय कलाकारों को अश्लीलता के खिलाफ अपने आंदोलन से जोड़ा। फिल्मों में अभिनय व गायन से जुड़ी प्रतिभा सिंह ने बैंकाक, मारिशस और दुबई में भोजपुरी के कई स्टेज शो किये हैं। प्रतिभा सिंह ने कहा कि अश्लील गीतों से भोजपुरी शर्मसार हुई है। इस भाषा से अपनी मां की तरह प्यार करने की आवश्यकता है। जिस मंच पर अश्लील गीत गाये जाते हैं मैं उस मंच पर नहीं चढ़ती हूं। अश्लील गीत गाने वालों के पीछे ओछे लोगों की भीड़ रहती है जिसके कारण अच्छे कलाकार उपेक्षित हो रहे हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे अश्लील गाने वाले व अभिनय करने वाले कलाकारों को मंच न दें।
कई भोजपुरी फ़िल्मों में अभिनय कर चुकीं समाजसेवी पूजा सिंह ने कहा कि मैं अपने बच्चों के साथ अपनी उन भोजपुरी फि़ल्मों को भी नहीं देख पाती जिनमें मैंने अभिनय किया है। अश्लीतता के कारण मैंने भोजपुरी फिल्मों में अभिनय के तौबा कर ली है। मेगा म्यूज़िक फ़िल्म्स के निदेशक शैलेन्द्र तिवारी ने कहा कि मैंने अपनी कम्पनी में कभी भी अश्लील गीतों की रिकार्डिंग नहीं की है। कोई लाखों रुपयों को प्रलोभन भी दे तो मैं अश्लीलता को बढ़ावा नहीं दूंगा। गीतकार उमेश छैला ने कहा कि ऐसे कलाकारों को मंच पर जाने से पहले टोका जाना चाहिए और यदि नहीं मानते हैं तो उनका बहिष्कार किया जाना चाहिए। उन्होंने भोजपुरी गीत नहीं लिखने का प्रण लिया। दीपक आजाद और गायक हेमू भारद्वाज उर्फ हिमांशु ने भी अश्लीलता के खिलाफ मुहिम को आगे बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया।