नयी दिल्ली : सरकार ने बताया कि 2004.05 में देश में मातृ मृत्यु दर :एमएमआर: 254 प्रति एक लाख थी जो 2011.13 में घटकर 167 हो गयी। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों के जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि शिशु मृत्यु दर :आईएमआर: 2005 में 58 प्रति 1000 थी जो 2015 में घटकर 37 हो गयी। उन्होंने कहा कि भारत में आईएमआर और एमएमआर में कमी की दर अंतरराष्ट्रीय दरों से कम है लेकिन आबादी के कारण यह संख्या ज्यादा प्रतीत होती है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत नवजात शिशु और देखभाल सेवाओं सहित 24 घंटे मूलभूत तथा व्यापक प्रसूति विज्ञान परिचर्या सेवाएं प्रदान करने की खातिर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों का उन्नयन एवं परिचालन किया जाता है। नड्डा ने कहा कि इन सुविधाओं के सुदृढीकरण की खातिर केंद्र सरकार राज्यों को उनकी वाषिर्क कार्यक्रम कार्यान्वयन योजनाओं में उनके प्रस्तावों के अनुसार निधियां प्रदान करती है।उन्होंने कहा कि सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं में विशेषज्ञों की कमी को दूर करने के लिए पीजी सीटों की संख्या में वृद्धि सहित कई कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि 5000 पीजी सीटें बढ़ायी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए एमसीआई सहित विभिन्न पक्षों से बातचीत की गयी है।
उन्होंने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि आशा कार्यकर्ताएं सामाजिक कार्यकर्ताएं हैं। उन्होंेने कहा कि केंद्र ने उनके प्रशिक्षण की व्यवस्था की है। उन्होंने कहा कि आशा कार्यकर्ताओं के लिए तय वेतन का प्रावधान नहीं है हालांकि कुछ राज्यों ने इस दिशा में कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि राज्यों की मांग पर केंद्र उनके लिए दी जाने वाली राशि में वृद्धि करता है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत राज्यों को आशा कार्यकर्ताओं के एनआईओएस द्वारा प्रमाणन की खातिर दिए जाने वाले सहयोग सहित उनकी स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों को सुदृढ़ करने के लिए तकनीकी एवं वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही हैं।
नयी दिल्ली : सरकार ने बताया कि 2004.05 में देश में मातृ मृत्यु दर :एमएमआर: 254 प्रति एक लाख थी जो 2011.13 में घटकर 167 हो गयी। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों के जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि शिशु मृत्यु दर :आईएमआर: 2005 में 58 प्रति 1000 थी जो 2015 में घटकर 37 हो गयी। उन्होंने कहा कि भारत में आईएमआर और एमएमआर में कमी की दर अंतरराष्ट्रीय दरों से कम है लेकिन आबादी के कारण यह संख्या ज्यादा प्रतीत होती है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत नवजात शिशु और देखभाल सेवाओं सहित 24 घंटे मूलभूत तथा व्यापक प्रसूति विज्ञान परिचर्या सेवाएं प्रदान करने की खातिर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों का उन्नयन एवं परिचालन किया जाता है। नड्डा ने कहा कि इन सुविधाओं के सुदृढीकरण की खातिर केंद्र सरकार राज्यों को उनकी वाषिर्क कार्यक्रम कार्यान्वयन योजनाओं में उनके प्रस्तावों के अनुसार निधियां प्रदान करती है।उन्होंने कहा कि सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं में विशेषज्ञों की कमी को दूर करने के लिए पीजी सीटों की संख्या में वृद्धि सहित कई कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि 5000 पीजी सीटें बढ़ायी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए एमसीआई सहित विभिन्न पक्षों से बातचीत की गयी है।