जस्टिस जगदीश सिंह खेहर ने बुधवार को भारत के भारत के 44वें मुख्य न्यायाधीश के रुप में शपथ ली। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने बुधवार सुबह राष्ट्रपति भवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में उन्हें मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ दिलाई। इसके साथ ही जस्टिस खेहर भारत के पहले सिख मुख्य न्यायाधीश होंगे।
गौरतलब है कि मुख्य न्यायाधीश जस्टिस टीएस ठाकुर सेवानिवृत हो गए। जस्टिस तीरथ सिंह ठाकुर ने अपने उत्तराधिकारी के रूप में जस्टिस खेहर को नामित किया था। जस्टिस खेहर का कार्यकाल 27 अगस्त, 2017 तक रहेंगा।
28 अगस्त 1952 में जन्मे न्यायमूर्ति खेहर ने वर्ष 1974 में चंडीगढ़ से स्नातक की डिग्री हासिल की थी। इसके बाद उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय से एलएलबी की डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने एलएलएम भी किया। उन्होंने एलएलएम में प्रथम स्थान हासिल किया था।
वर्ष 1979 से उन्होंने वकालत की शुरुआत की। वह मुख्य तौर पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट, हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करते थे। आठ फरवरी, 1999 में उन्हें पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में जज नियुक्त किया गया।
नवंबर, 2009 को वह उत्तराखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बनाए गए। इसके बाद वह कर्नाटक हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बने। सितंबर, 2011 में वह सुप्रीम कोर्ट के जज बने। मालूम हो कि न्यायमूर्ति खेहर की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने ही राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) को निरस्त कर दिया था।