बॉलीवुड में इस समय बायोपिक का जलवा बरकरार है। हर कलाकार बायोपिक में काम करने में लगा है चाहे वो सुशांत सिंह राजपूत हों या फिर प्रियंका चोपड़ा, आमिर खान हो या फिर रनबीर कपूर और अब खबर है कि एक्ट्रेस तनिष्ठा चटर्जी भी एक बायोपिक फिल्म में लीड रोल निभा रही हैं। इस फिल्म में देश की पहली महिला डॉक्टर के संघर्ष को दर्शाया गया है। आपको बता दें कि ये फिल्म डॉक्टर रुक्माबाई की जिंदगी पर आधारित है, जिन्हें भारत की पहली प्रैक्टिसिंग लेडी डॉक्टर माना जाता है। तनिष्ठा को इस किरदार में अपने आप को ढालने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ी है।
90 साल की उम्र तक रुक्माबाई हर रोज जाती थीं अस्पताल
एक इंटरव्यू में तनिष्ठा ने बताया कि ये इतिहास एक प्रसिद्ध हीरो की तरह हैं, जिन्हें भुला दिया गया। ये अफसोस की बात है कि कोई डॉक्टर रुक्माबाई को नहीं जानता लेकिन वो प्रैक्टिस करने वाली भारत की पहली महिला डॉक्टर हैं। जब तनिष्ठा ने उनकी बायोग्राफी पढ़ी तो वो हिल गईं। अनंत महादेवन इस बायोपिक के निर्देशक हैं। वहीं डॉक्टर रुक्माबाई का किरदार निभाना तनिष्ठा के लिए काफी चुनौतीपूर्ण रहा क्योंकि इसमें उन्हें युवास्था से 91 साल तक का सफर तय करना पड़ा। यहां तक कि इस किरदार के लिए उन्हें कई भाषाएं भी सीखनी पड़ी हैं।
तनिष्ठा ने बताया कि रुक्माबाई को शुरुआत में काफी संघर्ष करना पड़ा था क्योंकि महिला होने की वजह से कोई उनके पास इलाज करवाने नहीं जाना चाहता था। उन्हें ऐसे कई संघर्षों से लड़ना पड़ा और 90 साल की उम्र तक वो हर रोज अस्पताल जाती रहीं। 11 साल की उम्र में उनकी शादी हो गई थी लेकिन इस विवाह को उन्होंने कभी स्वीर नहीं किया था।