कोलकाता : अगर हम कहते हैं कि बदलाव की ताकत युवाओं में हैं तो गलत नहीं कहते..जरूरत बस उनको आगे लाने की है। कोलकाता में बच्चों के अधिकारों के लिए ऐसी ही दो छात्राएँ सामने आयी हैं। सिमरन भास्कर जानी – मानी शिक्षाविद् डॉ. रेखा वैश्य की बेटी है औऱ अपनी माँ की तरह समाज के लिए कुछ करने की चाहत उसके मन में है। सिमरन ने बाल अधिकारों व कल्याण को लेकर एक नयी परियोजना प्रोजेक्ट ब्लू रिबन शुरू की है। सिमरन कानून की छात्रा है और चतुर्थ वर्ष में है। वह फिलहाल देहरादून की यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम एंड एनर्जी स्टडीज से एनर्जी लॉ में विशेषज्ञता हासिल कर रही है।
इस काम में उसका साथ दे रही है कोलकाता के लोरैटो कॉलेज में पॉलिटिकल साइंस के अंतिम वर्ष की छात्रा वृन्दा सिंह। इन दोनों द्वारा स्थापित प्रोजेक्ट ब्लू रिबन का उद्देश्य बच्चों के साथ होने वाले दुर्व्यवहार को रोकना है। सिमरन और वृन्दा की टीम में भारत के अलग – अलग क्षेत्रों से 20 से अधिक युवा जुड़े हैं जिनकी उम्र 19 से 22 वर्ष के बीच है। यह परियोजना बाल अधिकारों को प्रोत्साहित करने है और बच्चों से होने वाली बदसलूकी के खिलाफ जागरूकता लाने की कोशिश कर रही है। सिमरन कहती हैं कि उसका उद्देश्य ऐसी दुनिया बनाना है जहाँ बच्चों के अधिकार सुरक्षित रहें और वह समाज, गरिमा, न्याय और समानता पर आधारित हो। उनका उद्देश्य लोगों में जिम्मेदारी की भावना को बढ़ाना है जिससे बच्चों के साथ होने वाली हिंसा पर रोक लग सके।