देश के ‘बजरंगी भाईजान’ को तो जानते ही हैं, हम आपको मिलवाते हैं पाकिस्तान के ‘बजरंगी भाईजान’ से, जिसने भारत में नानक सिंह का परिवार खोज निकाला। पंजाब के अमृतसर के नानक सिंह की कहानी सलमान खान की मूवी बजरंगी भाईजान से मिलती-जुलती असल कहानी है। बस फर्क इतना है कि यहां बजरंगी भाईजान पाकिस्तान का है।
नानक सिंह 32 साल से पाकिस्तान की कोट लखपत जेल में कैद है। लेकिन अब उसके परिजनों को नानक की रिहाई की आस है। पाकिस्तान के पूर्व सांसद और इमरान खान की तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के नेता राय अजीज उल्ला खां ने इस परिवार से नानक की रिहाई संबंधी दस्तावेज मंगवाए हैं। अजीज ने दावा किया है वह नानक के लिए हर लड़ाई लड़ेंगे। परिवार ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से भी नानक की रिहाई की गुहार लगाई है।
बात 1985 की है। अजनाला सेक्टर में रावी दरिया से सटा स्थित गांव बेदी छन्ना में रहने वाला सात साल का नानक भैंस चराते समय पाकिस्तान की सीमा में चला गया। पाक रेंजर्स ने नानक के साथ-साथ उनकी कई भैंसें जब्त कर ली। भैंसें लौटानी न पड़ें, इसलिए नानक सिंह के बारे में पाक रेंजर्स मुकर गए। बीएसएफ ने पाक रेंजर्स से शिकायत भी की लेकिन कोई माकूल जवाब नहीं मिला। पाकिस्तान के गांवों में भी नानक की गुमशुदगी की मुनादी हुई थी।
सूची में गलत लिखा था नाम
1999 में थाना रमदास पुलिस को पाकिस्तान जेलों में बंद 145 भारतीय कैदियों की सूची मिली। इसमें नानक का नाम कानक लिखा था और यह 71वें नंबर पर था। लिस्ट में कानक लिखा होने से उसकी तस्दीक पाकिस्तान ने नहीं की। नानक के पाकिस्तान में होने की खबरें कई बार पाकिस्तान से छूटे भारतीय कैदियों से आई।
पिता रतन सिंह व मां रानो कहती हैं कि एक बार नानक को देखने की हसरत है, उसके बाद सांस टूट जाए कोई गम नहीं है। नानक का छोटा भाई बलदेव और दोनों छोटी बहनें रज्जी व नानो ने बताया हमने एक बार फिर से विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से नानक को रिहा करवाने के लिए गुहार लगाई है।
राय अजीज उल्ला खां ने नानक के बारे में दस्तावेज मंगवाए हैं। उन्होंने वादा किया है कि वह पाकिस्तान की जेल से नानक की रिहाई सुनिश्चित करवाएंगे।
– सुरिंदर कोछड़, इतिहासकार और शोधकर्ता