मुख्य बातें –
बैग सरदार वल्लभाई पटेल इंटरनेशनल स्कूल ऑफ टेक्सटाइल्स एंड मैनेजमेंट में सिला गया
65 फीट ऊंचा और 33 फीट चौड़ा यह बैग गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया
कोयम्बटूर : तमिलनाडु के 9 नेत्रहीन दिव्यांगों ने 18 छात्रों और किन्नर समुदाय की मदद से दुनिया का सबसे बड़ा जूट बैग बनाया है। इसे गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में जगह मिली है। इसका मकसद पर्यावरण की सुरक्षा और प्लास्टिक बैग के इस्तेमाल के खिलाफ लोगों को जागरूक करना है। जूट बैग 65 फीट ऊँचा और 33 फीट चौड़ा है। बिना हैंडल वाले इस बैग पर सिलाई करने में ही 5 घंटे लगे। इस काम को अंजाम कोयंबटूर के सरदार वल्लभाई पटेल इंटरनेशनल स्कूल ऑफ टेक्सटाइल्स एंड मैनेजमेंट में दिया गया।
छात्रों ने की नेत्रहीनों की मदद
बैग पर सिलाई करने में ट्रांसजेंडर और तमिलनाडु टेक्निकल इंस्टीट्यूट के छात्रों ने नेत्रहीनों की मदद की। बैग को वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में जगह मिलने पर 34 साल के संतोष चंद्रन ने कहा, “यह कभी न भूलने वाला पल था। सबसे बड़े जूट बैग बनाने वालों में उनका भी शामिल हुआ। यह देखकर माता-पिता काफी खुश हुए हैं। युवा फाउंडेशन की अध्यक्ष शशिकला ने मीडिया को बताया, ‘‘नेत्रहीनों ने जूट बैग को सिलकर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स बनाया। इसमें हैंडल नहीं लगाया गया। इसका मकसद हानिकारक प्लास्टिक बैग का इस्तेमाल रोकना है। लोगों को जागरूक करना है कि वे प्लास्टिक बैग की जगह जूट बैग का इस्तेमाल कर सकते हैं।’दिव्यांगों की इस उपलब्धि पर शशिकला कहती है, ‘‘अलग-अलग लोगों की अपनी-अपनी क्षमता होती है। दिव्यांगों को विश्वास और प्रोत्साहन देना हमारी जिम्मेदारी है।’’