तय मासिक औसत जमा नहीं रखे जाने पर एसबीआई ने खाताधारकों से वसूले 235.06 करोड़ रुपये

इंदौर : देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने अपने 388.74 लाख खातों में तय मासिक औसत जमा राशि नहीं रखे जाने पर मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में अपने ग्राहकों से 235.06 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला है ।

मध्यप्रदेश के नीमच निवासी सामजिक कार्यकर्ता चन्द्रशेखर गौड़ ने बताया कि उन्हें इस बैंक ने सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत पूछे गए सावालों पर यह यह जानकारी दी है। एसबीआई ने गौड़ को पांच अगस्त को भेजे गये जवाब में बताया है , “30 जून 2017 को समाप्त तिमाही के दौरान मासिक औसत शेष नहीं बनाये रखने के कारण वसूल किये गये प्रभारों की राशि 235.06 करोड़ रुपये और (सम्बंधित) खातों की संख्या 388.74 लाख है।’’ बैंक की ओर आरटीआई के तहत भेजे गये जवाब में हालांकि यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि तय मासिक औसत जमा राशि नहीं रखे जाने पर किस श्रेणी के खातों से शुल्क कटौती की गयी है । लेकिन गौड़ का कहना है कि इस वसूली से गरीब तबके के वे ग्राहक सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं, जो एसबीआई में बचत खातों में छोटी-छोटी रकम जमा करते और निकालते रहते हैं ।

उन्होंने कहा, “एसबीआई को आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के हितों में इस शुल्क वसूली के नियमों की समीक्षा करनी चाहिये, क्योंकि इस तबके के ज्यादातर ग्राहक अपने खातों में लम्बे समय तक बड़ी रकम जमा नहीं रख पाते हैं ।नतीजतन उनके खातों से शुल्क कटता रहता है।” बहरहाल, आरटीआई से पता चलता है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने हालांकि बैंकों को इस बारे में कोई विशिष्ट निर्देश नहीं दिये हैं कि बचत खातों में जमा राशि का न्यूनतम स्तर क्या होना चाहिए। लेकिन केंद्रीय बैंक ने इन खातों में न्यूनतम जमा राशि नहीं रखे जाने पर सम्बंधित ग्राहकों से जुर्माने की वसूली को लेकर बैंकों के लिये कुछ शर्तें जरूर तय कर रखी हैं। गौड़ ने बताया कि उनकी ही एक अन्य आरटीआई अर्जी पर रिजर्व बैंक की ओर से भेजे गये जवाब में कहा गया है कि अव्वल तो बचत खाते खोलते वक्त सभी बैंकों को अपने ग्राहकों को न्यूनतम जमा राशि नहीं रखे जाने की स्थिति में जुर्माने की वसूली के प्रावधानों की जानकारी “पारदर्शी तरीके” से देनी चाहिए। अगर कोई ग्राहक अपने खाते में न्यूनतम जमा राशि नहीं रखता है, तो जुर्माने की वसूली से पहले बैंक को उसे कम से कम एक महीने की मोहलत देनी चाहिए। उन्होंने कहा, “रिजर्व बैंक की शर्तों के मुताबिक बैंक को ई-मेल या एसएमएस या पत्र आदि माध्यमों से अपने सम्बंधित ग्राहक को स्पष्ट सूचना देनी चाहिए कि अगर तय समय-सीमा में उसके खाते की जमा राशि न्यूनतम स्तर तक नहीं पहुँची, तो उसे जुर्माना चुकाना पड़ेगा। अगर इसके बाद भी ग्राहक के खाते में न्यूनतम स्तर से कम रकम जमा रहती है, तो उससे जुर्माना वसूला जा सकता है. खाताधारक को इस वसूली की भी सूचना दी जानी चाहिये।”

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