जीएसटी लागू होने पर सोना होगा सस्ता, 500 रुपए से अधिक के जूते-बीड़ी होंगे महंगे

गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) 1 जुलाई से लागू होने से पहले  जीएसटी काउंसिल की  बैठक में वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में 2 हजार से अधिक अहम वस्तुओं के टैक्स स्लैब को तय किया गया। सूत्रों के मुताबिक, गोल्ड पर 3 फीसदी टैक्स लगेगा, वहीं बीड़ी पर 28 फीसदी टैक्स पर सहमति बनी है। इसके साथ ही 500 रुपये से कम के फुटवियर पर 5 फीसदी टैक्स लगेगा। इससे अधिक के फुटवियर पर 18 फीसदी की दर से टैक्स वसूला जाएगा।

जीएसटी काउंसिल की इस बैठक में 1 जुलाई से पूरे देश में एक टैक्स लागू करने पर पूरी सहमति बन गई है। काउंसिल की बैठक में जहां एक तरफ गुड्स के रिटर्न और एक राज्य से दूसरे राज्य में प्रवेश को लेकर नियम बन गए हैं।
केरल के वित्त मंत्री थॉमस आईसैक के अनुसार गोल्ड को छोड़कर के सभी मुद्दों पर सहमति बन गई है। हालांकि इसमें अभी 2500 से अधिक सामानों पर क्या दर तय की गई है, इसके बारे में जानकारी नहीं मिल पाई है।
होटल और रेस्तरां पर लग सकता है मल्टीपल टैक्स स्लैब 
काउंसिल की बैठक में होटल और रेस्तरां पर मल्टीपल टैक्स स्लैब लगाने पर भी फैसला होगा। महंगे बिस्किट की तुलना में सस्ते बिस्किट पर लगने वाले टैक्स में अंतर हो सकता है। इस मीटिंग में ब्रांडेड कपड़ों, गोल्ड, बेशकीमती मेटल्स, मोती, हीरा और अन्य ज्वैलरी स्टोन, इमिटेशन ज्वैलरी पर फैसला लिया जाएगा।
बाकी चीजों में टेक्सटाइल, बिस्किट, फुटवियर, बिजली से चलने वाले एग्रीकल्चर इक्विपमेंट्स और बीड़ी, तेंदूपत्ता शामिल हैं। फाइनेंस मिनिस्ट्री के एक ऑफिशियल ने बताया कि हैंडीक्राफ्ट और बायोडीजल पर भी टैक्स रेट इसी मीटिंग में तय हो सकता है। इस मीटिंग में राज्यों के वित्त मंत्री भी शामिल होंगे।
नए जीएसटी बिल में 1200 आइटमों में टैक्स लगाने की दरें तय की गई हैं। इनके अलावा रोजाना इस्तेमाल होने वाली सात फीसदी आइटम में कोई टैक्स नहीं होगा। 14 प्रतिशत आइटम न्यूनतम ब्रेकेट में हैं और इनमें जीएसटी की सबसे कम दर केवल चार फीसदी ही होगी।
रोजाना इस्तेमाल होने वाली चीजें जैसी चीनी, चाय, कॉफी, खाद्य तेल, जीवनरक्षक दवाओं आदि पर कम से कम टैक्स होगा। दही और दूध को भी इससे मुक्त रखा गया है। टैक्स का भुगतान भी इलेक्ट्रानिक विधि अथवा इंटरनेट से होगा। जीएसटी भुगतान क्रेडिट कार्ड, आरटीजीएस और नेफ्ट से भी हो सकता है। टैक्स भुगतान करने के सभी चालान ऑनलाइन होंगे। मतलब ये भी होगा कि इससे केवल चीजें ही सस्ती नहीं होंगी, बल्कि भ्रष्टाचार भी खत्म होगा।

 

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