जीएसटी में मिली राहत, रोजमर्रा की 30 आवश्यक वस्तुओं की कीमतें घटीं

सरकार ने जीएसटी की दरों के बदलाव में इस बार गरीबों, दस्तकारों और मूर्तिकारों का ख्याल रखा है लेकिन लग्जरी कारों के शौकीनों का बोझ बढ़ा दिया है। जीएसटी काउंसिल 21 वीं बैठक में शनिवार को इडली-डोसा पेस्ट से लेकर किचन गैस लाइटर जैसी रोजमर्रा इस्तेमाल होने वाली लगभग 30 वस्तुओं की जीएसटी दरें कम करने तथा लग्जरी और एसयूवी कारों पर 2 से 7 प्रतिशत तक अतिरिक्त सेस लगाने का फैसला किया गया।

इसके अलावा खादी एवं ग्रामीण उद्योग आयोग (केवीआईसी) के जरिये मिलने वाले वस्त्रों को करमुक्त रखा गया है।  जीएसटी की नई दरों के मुताबिक, 20 लाख रुपये तक सालाना टर्नओवर वाले दस्तकारों और लोक कलाकारों को जीएसटी रजिस्ट्रेशन से छूट दे दी गई है। इसके साथ ही मिट्टी की बनी प्रतिमाओं को भी जीएसटी से मुक्त कर दिया गया।
नए फैसले के मुताबिक  15 मई तक के रजिस्टर्ड ट्रेड मार्क वाली चीजें बेचने वाली कंपनियों को पांच फीसदी जीएसटी देना होगा। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने हैदराबाद में जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद इन फैसलों का एलान किया। उन्होंने कहा कि जीएसटी के तहत टैक्स कलेक्शन काफी अच्छा रहा है और अब तक इससे 95,000 करोड़ रुपये आ चुके हैं।
ताकि गरीबों का भरोसा कायम रहे 
जीएसटी लागू करते वक्त कुछ वस्तुओं पर टैक्स की दरें बढ़ाने से सरकार पर गरीब विरोधी होने के आरोप लगने लगे थे। मसलन, मूर्तियों पर 30 फीसदी टैक्स लगा दिया गया था। इन खामियों को दूर करने के लिए सरकार ने दैनिक उपभोग की 30 वस्तुओं की जीएसटी दरें घटाते हुए रिटर्न फाइल करने की तारीख भी बढ़ाकर 10 अक्तूबर कर दी है, ताकि सरकार की गरीब हितैषी छवि पर लोगों का भरोसा कायम रह सके। ब्रांड-रहित खाद्य वस्तुओं को जीएसटी से मुक्त रखा गया है जबकि ब्रांडेड और पैकेज्ड खाद्य वस्तुओं पर सिर्फ 5 फीसदी टैक्स लगाया गया है।

इनकी दरें हुई कम
भुने चने, इडली, डोसा घोल, सूखी हल्दी, कस्टर्ड पाउडर, खली, धूपबत्ती, धूप और इसी तरह की अन्य वस्तुओं, प्लास्टिक रेनकोट, रबर बैंड, राइस रबर रॉल्स, कंप्यूटर मॉनिटर, किचेन गैस लाइटर, झाड़ू, ब्रश आदि।

इंटर स्टेट-जॉब वर्क का टर्नओवर अगर 20 लाख तक है तो भी रजिस्ट्रेशन की जरूरत नहीं है। सरकारी वर्क कांट्रेक्ट में टैक्स 18 फीसदी से घटा कर 12 फीसदी कर दिया गया है। पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने कहा कि इससे सरकार का काफी टैक्स बचेगा।

काउंसिल के फैसले के मुताबिक, मिड साइज कारों पर सेस 43 फीसदी से बढ़ कर 45 फीसदी हो गया है। इससे पहले इनकी जीएसटी दरें 48 फीसदी से घटकर 43 फीसदी हो गई थी। बड़ी व लग्जरी कारों पर टैक्स 43 से बढ़कर 48 फीसदी किया गया है। एसयूवी पर टैक्स 43 फीसदी से बढ़कर 50 फीसदी हो गया है। एसयूवी कीमत पर भी जीएसटी के बाद 11 फीसदी का फायदा हुआ है लेकिन इस बार इस पर 7 फीसदी सेस बढ़ा दिया गया है।

 

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