गुड्स एवं सर्विसेज टैक्स-जीएसटी की चार दरों पर सहमति बन गई है. इसमें आम आदमी को बड़ी राहत दी गई है. जीएसटी काउंसिल ने गुरुवार चार स्तरीय जीएसटी दर का फैसला किया. ये दरें होगीं 5, 12, 18, 28 फीसदी.
जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस फैसले का ऐलान किया. जेटली ने कहा कि
जीएसटी को लागू करने की तैयारियां सही दिशा में चल रही हैं. काउंसिल की बैठक में कर दरों के ढांचे और मुआवजे के फॉर्मूले को अंतिम रूप दिया गया.
ये होंगी जीएसटी दरें
जिन वस्तुओं पर इस समय उत्पाद शुल्क और वैट सहित कुल 30-31 प्रतिशत कर लगता है उन पर जीएसटी दर 28 प्रतिशत होगी. आम लोगों की सामान्य उपभोग की वस्तुओं पर जीएसटी की दर 5 प्रतिशत होगी. जीएसटी में 12 प्रतिशत और 18 प्रतिशत की दो मानक दरें होंगी. जेटली ने कहा, जीएसटी के तहत उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में शामिल खाद्यान्न सहित आम व्यक्तियों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली 50 प्रतिशत वस्तुओं पर शून्य कर लगेगा.
राजस्व का क्या होगा ढांचाअनाज पर नहीं लगेगा कोई टैक्स
जेटली ने ऐलान किया कि आम आदमी के द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे खाद्यान्न पर कोई टैक्स नहीं होगा.
उच्चतम दर के प्राप्त होने वाले कर से होने अतिरिक्त राजस्व आय का इस्तेमाल आवश्यक उपभोग की वस्तुओं पर कर की दर पांच प्रतिशत रखने में किया जाएगा और आम उपभोग की कुछ वस्तुओं को 18 प्रतिशत के दायरे में हस्तांतरित किया जायेगा. लक्जरी कारों, तंबाकू, पान मसाला, कार्बोरेटेड पेय पदार्थों पर उपकर लगाया जायेगा, और इसके साथ इनपर स्वच्छ उर्जा उपकर के अलावा एक और उपकर लगाया जाएगा जिससे मिलने वाली राशि का इस्तेमाल राज्यों को राजस्व में होने वाले नुकसान की भरपाई के लिये किया जायेगा. जीएसटी लागू होने के पहले साल में राज्यों को उनके राजस्व नुकसान की भरपाई के लिये 50,000 करोड़ रपये की आवश्यकता होगा.
नुकसान की भरपाई को लेकर सहमति
इससे पहले वित्त मंत्री जेटली ने बताया था कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद में नई कर प्रणाली से राज्यों को होनेवाले नुकसान की भरपाई पर लगभग आम सहमति बन गई है.