बॉलीवुड निर्देशक कुंदन शाह का गत शनिवार की सुबह निधन हो गया> 19 अक्टूबर 1947 को जन्मे कुंदन शाह 69 वर्ष के थे। बताया जा रहा है कि उन्हें दिल का दौरा पड़ा था।
फिल्म और टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया से निर्दशन की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने कॉमेडी “जाने भी दो यारों” से 1983 में अपने फ़िल्मी कॅरियर की शुरुआत की। इस फ़िल्म के वो सहायक पटकथा लेखक भी थे।
शाह इसके बाद टेलीविजन की दुनिया की ओर मुड़ गए। वहां उन्होंने “ये जो है ज़िंदगी” से शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने नुक्कड़ (1986), मनोरंजन (1987) और आर के लक्ष्मण के कार्टून आम आदमी पर आधारित वागले की दुनिया (1988) जैसे यादगार सीरियल बनाए।
कई टीवी सीरियल को बनाने के बाद कुंदन शाह ने सिनेमा से सात साल का ब्रेक लिया। इसके बाद 1993 में उन्होंने “कभी हां, कभी ना” से वापसी की. इसकी पटकथा भी उन्होंने लिखी। इस फ़िल्म के लिए उन्होंने फ़िल्म फेयर पुरस्कार भी जीता।
इसके बाद उनकी 1998 में बनाई गई “क्या कहना” भी हिट रही। लेकिन, इसके बाद की सभी फ़िल्में “हम तो मोहब्बत करेगा”, “दिल है तुम्हारा”, “एक से बढ़कर एक” औऱ 2014 में आखिरी फ़िल्म “पी से पीएम तक” बॉक्स ऑफ़िस पर औंधे मुंह गिरी।
सोशल मीडिया पर आई प्रतिक्रियाएं
कुंदन शाह के निधन की ख़बर शनिवार सुबह मीडिया में आई। इसके बाद सोशल मीडिया में लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि देना शुरू कर दिया। फ़िल्म निर्देशक हंसल मेहता ने लिखा, ”जाने भी दो यारों, कुंदन शाह की आत्मा को शांति मिले. दुखी करने वाली ख़बर।”
विक्रम भट्ट ने ट्वीट किया, ”जाने भी दो यारों जैसी अविस्मरणीय फ़िल्म देने वाला आदमी हमें छोड़कर चला गया। वो चला गया लेकिन वो अब भी ज़िंदा है।”
संकेत भोसले नाम के ट्विटर यूज़र ने लिखा, ”आपकी आत्मा को शांति मिले। मेरी पसंदीदा फ़िल्म ‘कभी हां, कभी ना के लिए शुक्रिया।