हमारी शिकायत रहती है कि युवाओं में हिन्दी को लेकर उत्साह नहीं रहा या फिर अपनी भाषा के प्रति प्रेम नहीं है मगर एक बात तो तय है कि अँग्रेजी को लेकर हम चाहें कितनी भी बातें करें मगर इस देश के दिल में उतरना है तो आप हिन्दी से दूर नहीं रह सकते। आज सम्भवतः रोजगार के साथ यह एक बड़ा कारण है कि युवा वर्ग अपने तरीके से हिन्दी को अपना ही नहीं रहा है, रच रहा है और इस भाषा के माध्यम से न सिर्फ अपनी भावनाओं को अभिव्यक्त कर रहा है बल्कि गम्भीर सामाजिक मसले भी उठा रहा है। मसले ऐसे जो एक की जिन्दगी से जुड़े होते हैं मगर इनसे समाज भी बनता है और देश भी। अब यही काम मुम्बई की मायानगरी में तीन दोस्त कर रहे हैं और इन तीनों की जुगलबंदी सोशल मीडिया पर धूम मचा रही है।
अगर आप सोशल मीडिया पर हैं तो आपके सामने बोल पोएट्री की क्या तुम समझती हो, वीडियो के रूप में आई जरूर होगी और अगर आप खुद ऐसी समस्या से परेशान हैं या यह आपके दिल से टकराती है तो यह इसी वीडियो की देन है।
” क्या तुम समझती हो” जी हाँ यही नाम है इनके विडीओ का, जो आपके किसी ना किसी फ़ेसबुकिया दोस्त की टाइमलाइन पर पर मिल जाएगा। पति-पत्नी और सास के रिश्तों में बढ़ती कड़वाहट को दर्शाता यह वीडियो अपने रिलीज़ के पहले ही दिन एक मिलियन और दूसरे दिन भी इतनी ही तेज़ी से दो मिलियन से ज़्यादा बार देखा गया।
इस जुगलंदी में एक सुर बंगाल का भी है जो हावड़ा का ही है। मूल कविता के कवि धीरज पांडेय हावड़ा में ही रहते हैं और वह कभी पत्रकार हुआ करते थे। फिलहाल कविता से रिश्ता गहरा है और मुम्बई के एक प्रोडक्शन हाउस में हैं। धीरज ने अपनी सफलता का श्रेय अपनी टीम ” बोल पोयट्री” और अपने दोनों दोस्तों विहान गोयल ( अभिनेता ) और विरेंद्र राय बोल्ड ( निर्देशक) को देते हुए बताया कि उन्होंने यह कविता पहले कई बड़े प्रडक्शन हाउसों और फ़ेस्बुक/यूटूब के बड़े चैनलों को सुनाई पर सबने यह कह कर खारिज कर दिया कि कविता में दम नहीं है। हर जगह खारिज होने के बावजूद भी तीनों निराश नहीं हुए और एक सीमित बजट में कुछ दोस्तों की मदद से वीडियो को शूट किया। धीरज ने अपनी लेखनी से ज़्यादा श्रेय विहान के अभिनय और वीरेन्द्र के निर्देशन को दिया। फिलहाल यह टीम एक नए विषय के साथ अपनी नयी पेशकश की तैयारी में व्यस्त है। बोल पोएट्री की जुगलबंदी को अपराजिता की ढेर सारी शुभकामनाएँ। वीडियो आप भी देखिए और पूछिए क्या तुम समझती हो –
https://www.facebook.com/poetrybol/videos/352299041892973/
. Agree बिलकुल सहमत हूँ…. हिन्दी इसी प्रकार सम्मानित होगी और इस तिकरी की जुगलबंदी सफलता का पर्याय बने शुभकामनाएँ l