हिसार : हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई हम सब भाई-भाई। यह बात हरियाणा के आदमपुर में चल रही गणेश रामलीला में किरदार निभा रहे कलाकारों पर बिल्कुल स्टीक बैठती है। 30 साल से ज्यादा पुरानी रामलीला की खास बात है कि इसमें एक ही परिवार के छह मुस्लिम कलाकार किरदार निभा रहे हैं। इनमें से कोई दुकानदार, कोई पेंटर तो कोई चाय बेचकर परिवार का गुजारा कर रहा है।इन कलाकारों में 40 वर्षीय शहाबुद्दीन कुरैशी राम, 43 वर्षीय अनीफ मोहम्मद, जनक, 36 वर्षीय लतीफ मोहम्मद भरत, 45 वर्षीय सरीफ मोहम्मद, नारद और 38 वर्षीय साजिद कुरैशी मंथरा का किरदार निभा रहे हैं। इतना ही नहीं, राम का रोल निभाने वाले शहाबुद्दीन कुरैशी का 16 वर्षीय बेटा परवेज कुरैशी भी राम के किरदार में अहम भूमिका निभा रहा है। परवेज राजकीय बहुतकनीकी संस्थान में मैकेनिकल का कोर्स कर रहा है।
राम का किरदार निभाने वाले शहाबुद्दीन को पुकारने लगे राम
आदमपुर की गणेश रामलीला में शहाबुद्दीन कई सालों से राम का रोल ही कर रहे हैं। वह घर में ही परचून की दुकान चलाते हैं। अब उन्हें पड़ोसी भी प्यार से राम कहकर पुकारते हैं। इतना ही नहीं, वह अपने बेटे परवेज को भी रामलीला में रोल करवा रहे हैं। वह खुद अपने बेटे को सिखाते हैं।
छ: में से पाँच कलाकारों की उम्र 35 साल से ज्यादा
वैसे तो रामलीला में करीब 40 कलाकार रोल निभा रहे है, लेकिन इनमें छ: मुस्लिम धर्म के कलाकार शामिल हैं। इन छह कलाकारों में से पाँच की उम्र 35 साल से ज्यादा है। इनमें सबसे बड़े 46 वर्षीय सरीफ मोह्मद है, जो भरत का रोल कर रहे हैं। राम का रोल निभाने वाले शहाबुद्दीन कुरैशी का कहना है कि हमें कोई मुस्लिम नहीं कहता है। हम आपस में सब भाई-भाई हैं।
इसलिए रामलीला में किरदार निभाने का हुआ शौक
40 वर्षीय शहाबुद्दीन कुरैशी का कहना है कि जब वह छोटे थे तो अपने परिवार के साथ रामलीला देखने जाते थे। रामलीला देखते समय एक दिन उनके मन में ख्याल आया कि हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई हम सब भाई-भाई। उसके बाद उन्होंने 12 साल की उम्र में ही रामलीला में रोल करना शुरू कर दिया। फिर धीरे-धीरे उनके परिवार के सदस्य भी रोल करने लगे।