या देवी सर्व भूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता, देवी पक्ष का आगमन हो चुका है। नवरात्रि आरम्भ हो चुकी है और समूचा भारत अब उत्सव के इस समय में श्रद्धा और उल्लास के रंग में डूबने – उतराने लगा है। बंगाल के हर गली – नुक्कड़ पर माँ के स्वागत के लिए मंडप सजने लगे हैं और ऐसे ही समय में हम उत्सव के वातावरण में तनाव में भी हैं। सीमा पर सर्जिकल स्ट्राइक कर भारतीय सेना ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी है। भारतीय सेना के शौर्य को सलाम। जाहिर है कि बात अब आगे ही बढ़ेगी और सोशल मीडिया पर भी सेना की प्रशंसा के साथ युद्ध को उकसाने वाले संदेश प्रसारित हो रहे हैं। कई ऐसी जानकारियाँ सेना की शक्ति का प्रचार करने के लिए फैलायी जा रही हैं और ऐसा करने वाले लोग खुद को देशभक्त भी बता रहे हैं मगर यह ध्यान रहे कि सोशल मीडिया पर आतंक फैलाने वालों की नजर भी रहती है।
बेहतर होता अगर चैनलों पर भी इस तरह की गोपनीय जानकारियों को बढ़ – चढ़कर न दिखाया जाता। दिक्कत यह है कि हमारे देश में अब तक इसे रोकने के लिए कोई ठोस नीति नहीं बनी है जबकि यह आज की जरूरत है। घर के ड्राइंगरूम में बैठकर उकसाने वाले संदेश फोन से फैलाना बेहद आसान है मगर ऐसा करके आप देश हित में काम नहीं कर रहे बल्कि सीमा पर दिन – रात पहरा देते जवानों की मुश्किलें बढ़ा रहे हैं। याद कीजिए, जब पठानकोट हमला हुआ था तब आतंकी सेना की वर्दी में घुसे थे जो हर गली – मुहल्ले के बाजार में उपलब्ध है। देश हित में इस तरह की चीजों पर रोक लगाना औऱ हमारा सजग रहना बेहद आवश्यक है। युद्ध में अगर कोई मरता है तो वे आम इंसान होते हैं या सेना के जवान होते हैं औऱ राजनेता सिर्फ खेल खेलते हैं। इस समय पाकिस्तान के नेता भी यही कर रहे हैं। युद्ध अंतिम परिणति है औऱ भारत इसे भरसक टालने का प्रयास ही करता रहा है मगर जब अति हो जाए तो जवाब देना जरूरी हो जाता है।
अगर आप देश की प्रगति में हाथ ही बँटाना चाहते हैं तो आयातित और ब्रांडेड सामानों से आपको परहेज करना सीखना होगा। भारतीय कारीगरों द्वारा देश में तैयार किए गए हस्तशिल्प खरीदें, उनका सामान खरीदें। अगर लाभ बढ़ेगा तो इन उत्पादों की गुणवत्ता और बढ़ेगी, भारतीय कारीगर मजबूत होंगे, देश का धन देश में रहेगा, देशहित में उपयोग होगा और भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। अर्थव्यवस्था मजबूत हुई तो हम शिक्षा, स्वास्थ्य और रक्षा क्षेत्र में और अधिक खर्च कर सकेंगे और सेना को नए और उन्नत हथियार तथा सुविधाएं मिलेंगे। अतः शुरुआत तो हमें और आपको करनी होगी। शक्ति के इस महान पर्व में आइए हम प्रण लें कि हम स्वदेशी का उपयोग करें। इस विजयादशमी पर असत्य पर सत्य की विजय हो औऱ बुराई नष्ट हो, प्रगति का दीया जल उठे। अपराजिता की यही कामना है। अपराजिता की ओर से आप सभी को नवरात्रि, विजयादशमी और दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।