आयकर विभाग ने फॉर्म-16 में किया बदलाव, अब कंपनियों को देनी होगी ज्यादा जानकारी

नयी दिल्ली : ज्यादा आमदनी पर भी आयकर नहीं देने वाले या नाम मात्र का टैक्स चुकाने वालों पर विभाग का पहरा और सख्त होता जा रहा है। इसके लिए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने नियोक्ताओं से ज्यादा जानकारी मांगी है और नियोक्ता द्वारा दिये जाने वाले फॉर्म-16 का आकार भी बढ़ा दिया है। नए फॉर्म में पार्ट बी (एनेक्सर) का हिस्सा अब दो पन्ने के बजाय पांच पन्नों का होगा।
वित्त मंत्रालय की तरफ से फॉर्म-16 में बदलाव की अधिसूचना 12 मई 2019 से लागू हो होगी। ऐसे में वर्ष 2018-19 के लिए किसी कर्मचारी को नियोक्ता की तरफ से दिया जाने वाला फॉर्म-16 नए प्रोफार्मा पर होगा। इसमें वित्त वर्ष के दौरान किसी संस्थान से दूसरे संस्थान में आने वाले कर्मचारियों का पूर्व संस्थान से प्राप्त कुल वेतन का भी कॉलम जोड़ा गया है। इसे कुल वेतन वाले पहले कॉलम के विस्तार (ई) में स्थान दिया गया है। पुराने फॉर्म-16 में इसका उल्लेख नहीं था। साथ ही इसमें डिडक्शन को विशेष स्थान दिया गया है। कर विशेषज्ञों का कहना है कि वेतनभोगी करदाताओं के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन का प्रावधान पिछले वर्ष ही फिर से किया गया है, इसलिए इस बार इसे फॉर्म-16 में भी जोड़ा है। अब सभी डिडक्शन की विस्तार से जानकारी देनी होगी।
नहीं कर सकेंगे फर्जीवाड़ा
आयकर विशेषज्ञ चार्टर्ड अकाउंटेंट प्रवीण कुमार भारती का कहना है कि जब नियोक्ता से फॉर्म-16 में ज्यादा जानकारी मांगी जाएगी तो नियोक्ता भी कर्मचारियों से ज्यादा जानकारी मांगेंगे। ऐसे में कर्मचारियों को एक-एक डिडक्शन की सही जानकारी देनी होगी और यदि वे फर्जीवाड़ा करेंगे तो बच नहीं पाएंगे।
आईटीआर फॉर्म भी किया था बदलाव
इससे पहले आयकर विभाग ने आईटीआर फॉर्म में भी बड़ा बदलाव करते हुए इसे काफी जटिल बना दिया था। सबसे बड़ा परिवर्तन खेती से आय लेने वाले नौकरीपेशा के लिए था, जिन्हें 5 हजार से ज्यादा आय होने पर आईटीआर-2 दाखिल करना पड़ेगा। इसे पहले के 17 पेज से बढ़ाकर 23 पेज का कर दिया गया है, जो काफी जटिल हो गया है।

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