वर्ष 2018 से देश के 31 आईआईटी में छात्राओं की तादाद बढ़ जाएगी। आईआईटी में छात्र-छात्राओं का अनुपात सही करने के लिए नए अकादमिक सत्र में बीटेक प्रोग्राम में लड़कियों को स्पेशल कोटे के तहत दाखिला मिलने लगेगा। ज्वाइंट एडमिशन बोर्ड (जैब) की शनिवार को आयोजित बैठक में लड़कियों को आगे बढ़ाने के मकसद से सुपर न्यूमररी कोटा के तहत बीस फीसदी अतिरिक्त सीटों पर लड़कियों को दाखिला देने का फैसला हुआ है। लड़कियों को बेशक दाखिले में स्पेशल कोटा लागू होने का लाभ मिलेगा, लेकिन उससे लड़कों की सीट पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
ज्वाइंट एडमिशन बोर्ड की शनिवार को दिल्ली में आयोजित बैठक में देशभर के सभी आईआईटी प्रबंधन ने लड़कियों के लिए 20 फीसदी अतिरिक्त सीटों पर दाखिले पर सहमति दे दी है। सभी आईआईटी में यह कोटा तीन सालों में बढ़ाना होगा। इसके तहत पहले साल (2018)14 फीसदी अतिरिक्त सीट तो दूसरे साल (2019) में 17 फीसदी और तीसरे साल (2020) में बीस फीसदी तक सीट बढ़ाई जाएंगी।
हालांकि इस नियम का लाभ उन्हीं छात्राओं को मिलेगा, जिन्होंने पिछले बोर्ड एग्जाम में बीस पर्सेंटाइल के साथ टॉप किया होगा। ज्वाइंट सीट एलोकेशन अथॉरिटी (जोशा) की इस बैठक में आईआईटी और एनआईटी (देश भर में 32 एनआईटी हैं) में संयुक्त काउंसलिंग से दाखिला करवाने पर भी चर्चा हुई। इसके तहत उक्त संस्थानों में दाखिला काउंसलिंग के लिए सात राउंड (पिछले साल तक आईआईटी व एनआईटी में दाखिला काउंसलिंग के छह राउंड आयोजित होते थे।) आयोजित होंगे।
इस साल यदि कोई छात्र चौथे राउंड की काउंसिलिंग के दौरान सीट छोड़ता या कोर्स छोड़ता है तो उस पर 50 फीसदी तक जुर्माना लगेगा, जो कि उसकी दाखिला फीस से काटा जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में आईआईटी और एनआईटी प्रबंधन से पूछा गया कि वे अपने कैंपस में कौन-कौन से कोर्स बंद करवाना चाहते हैं या किसमें सीट कम या ज्यादा करना चाहते हैं।
उक्त प्रबंधन को कहा गया है कि जिन कोर्स में छात्रों को दाखिला लेने में रुचि नहीं है, उन्हें अपनी मर्जी से बंद या सीट कम कर सकते हैं। यह फैसला इसलिए लिया जा रहा है कि क्योंकि पिछले साल उक्त संस्थानों में करीब तीन हजार सीट खाली रह गयी थी, जिसमें कुछ सीट छात्रों द्वारा बाद में छोड़ी गयी थी।