सेठ सूरजमल जालान बालिका विद्यालय के कौस्तुभ जयंती समारोह में दिखे संस्कृति और पर्यावरण के रंग

सेठ सूरजमल जालान बालिका विद्यालय ने अपने 75 साल पूरे कर लिए हैं। इस अवसर पर आयोजित विद्यालय के कौस्तुभ जयंती व पुरस्कार वितरण समारोह में रंगारंग कार्यक्रमों में सांस्कृतिक विविधता, सौहार्द तथा पर्यावरण संरक्षण का सन्देश भी नजर आया। कार्यक्रम में प्राथमिक, माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विभाग की ओर से नृत्य नाटिका प्रस्तुत की गयी।

प्राथमिक स्तर पर प्रस्तुत की गयी नृत्य नाटिका में प्रकृति के विविध रंगों को बच्चों ने दर्शाया। इस नृत्य नाटिका की पटकथा को सँवारने में विद्यालय की प्राथमिक विभाग की इन्चार्ज रत्ना पाल का महत्वपूर्ण योगदान रहा। वहीं माध्यमिक व उच्च माध्यमिक की छात्राओं ने गंगा नदी की कहानी को नृत्य नाटिका में अभिव्यक्त किया जिसमें गंगा के जन्म, इतिहास के साथ सांस्कृतिक व सामाजिक विविधता में उसका योगदान ही नहीं बल्कि प्रदूषण का बढ़ता खतरा और पर्यावरण संरक्षण का सन्देश भी शामिल था।

गंगा नृत्य नाटिका की पटकथा को सँवारने और भावानुवाद करने के साथ ही मंच सज्जा से जुड़ी बारिकियों को बेहतर बनाने का दायित्व विद्यालय की टीचर इंचार्ज इन्द्रपाल कौर ने सम्भाला। कार्यक्रम की रूपरेखा के साथ ही परिधान के चयन ने प्रस्तुति को शानदार बना दिया। समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय तथा पार्षद स्मिता बक्सी उपस्थित थीं। कार्यक्रम में विद्यालय के अध्यक्ष तोलाराम जालान, उपाध्यक्ष हेमन्त कुमार जालान तथा सचिव नन्दलाल सिंघानिया समेत विद्यालय की शिक्षिकाएँ तथा पूर्व शिक्षिकाएँ भी उपस्थित थीं।

 

शुभजिता

शुभजिता की कोशिश समस्याओं के साथ ही उत्कृष्ट सकारात्मक व सृजनात्मक खबरों को साभार संग्रहित कर आगे ले जाना है। अब आप भी शुभजिता में लिख सकते हैं, बस नियमों का ध्यान रखें। चयनित खबरें, आलेख व सृजनात्मक सामग्री इस वेबपत्रिका पर प्रकाशित की जाएगी। अगर आप भी कुछ सकारात्मक कर रहे हैं तो कमेन्ट्स बॉक्स में बताएँ या हमें ई मेल करें। इसके साथ ही प्रकाशित आलेखों के आधार पर किसी भी प्रकार की औषधि, नुस्खे उपयोग में लाने से पूर्व अपने चिकित्सक, सौंदर्य विशेषज्ञ या किसी भी विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें। इसके अतिरिक्त खबरों या ऑफर के आधार पर खरीददारी से पूर्व आप खुद पड़ताल अवश्य करें। इसके साथ ही कमेन्ट्स बॉक्स में टिप्पणी करते समय मर्यादित, संतुलित टिप्पणी ही करें।