कैबिनेट ने सरोगेसी नियमन विधेयक को मंजूरी दे दी है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि सरोगेसी विधेयक इसलिए लाया गया है क्योंकि भारत लोगों के सरोगेसी हब बन गया था और अनैतिक सरोगेसी की घटनाएं सामने आती रहती हैं। उन्होंने कहा कि सिर्फ भारतीय नागरिकों को सरोगेसी का अधिकार होगा, यह अधिकार एनआरआई और ओसीआई होल्डर के पास नहीं होगा।
सुषमा स्वराज ने जानकारी दी कि केंद्र पर नेशनल सरोगेसी बोर्ड, राज्य और केंद्र शासित प्रदेश स्तर तक स्टेट सरोगेसी बोर्ड का गठन किया जाएगा। बिल कमर्शियल सरोगेसी पर रोक लगाने और निःसंतान दंपती को नीतिपरक सरोगेसी की इजाजत देने के लिए लाया गया है।
विदेश मंत्री ने कहा कि बड़े सितारे जिनके न सिर्फ दो बच्चे हैं, बल्कि एक बेटा और बेटी भी है, वे भी सरोगेसी का सहारा लेते हैं। सिंगल पैरंट्स, होमोसेक्सुअल कपल, लिव-इन में रहने वालों को सरोगेसी की इजाजत नहीं दी जाएगी।
जानें और क्या कहा सुषमा स्वराज ने:
- नेशनल सरोगेसी बोर्ड बनाया जाएगा।
- स्वास्थ्य मंत्री की अध्यक्षता में बनेगा बोर्ड।
- सरोगेसी बोर्ड में होंगे दो सांसद।
- गरीब महिलाओं की गोद किराए पर लेना गुनाह।
- सिंगल पैरेंट अनाथ बच्चे को गोद लें तो बेहतर।
- सरोगेसी सिर्फ निसंतान दंपतियों के लिए।
- अब सरोगेसी के व्यवसायिक इस्तेमाल पर बैन।
- जो बिल कैबिनेट ने पास किया है उससे अनैतिक इस्तेमाल पर रोक लगेगी।
- शौक के लिए न करें इसका इस्तेमाल।
- सरोगेसी बिल पर मोदी सरकार ने इच्छा शक्ति दिखाई है।