विद्यासागर विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग की ओर से राहुल सांकृत्यायन के 125वीं जयंती के अवसर पर राहुल सांकृत्यायन का सृजन:एक मूल्यांकन विषय पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन विभागीय कक्ष में किया गया। सुजाता सिंह ने उद्घाटन गीत प्रस्तुत किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रो. दामोदर मिश्र ने कहा कि राहुल सांकृत्यायन का साहित्य बहुआयामी और भारतीयता का साहित्य है, राहुल जीवन भर सामंती व्यवस्था से टकराते रहे। संजय जायसवाल ने कहा कि राहुल धर्म के विकृत रूप का विरोध करते हैं। उनका मानना है कि हमें सामाजिक समस्याओं का सामना करना होगा तभी अपेक्षित बदलाव संभव है। इस अवसर पर विभाग की छात्रा बरखा देवी ने अपना विचार रखा तथा उपस्थित विद्यार्थियों ने संवाद सत्र में हिस्सा लिया। कार्यक्रम का संचालन संजय जायसवाल और धन्यवाद ज्ञापन विशाल गुप्ता ने दिया।